यात्रियों को चलती ट्रेन से बाहर फेंक देने वाला फर्जी जवान, मोबाइल में RPF का लोगो और पुलिस बनने का शौक
रेल एसपी ने बताया कि आरोपित गुजरात में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था। उसे पुलिस की नौकरी करने का काफी शौक था। जिसके वजह से वह अपना वेश भूषा पुलिस की तरह रखता था। अपने मोबाइल में आरपीएफ का लोगों लगाकर खुद को आरपीएफ जवान बताता था।
आरा-बक्सर के बीच स्थित नदांव हॉल्ट के पास तीन दिन पहले टिकट जांच के नाम पर छिनतई करने के साथ ही दो यात्रियों को चलती ट्रेन से फेंकने वाले आरपीएफ का फर्जी जवान को रेल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से छीना हुआ आईफोन समेत चार मोबाइल और 1500 रुपये नकद बरामद किया है। आरोपित रोहित तिवारी भोजपुर जिले के शाहपुर थाना इलाके के बरीसवन गांव का है। रेल एसपी अमृतेंदु शेखर ठाकुर ने सोमवार को बताया कि अथमलगोला थाना इलाके के साइस्तापुर गांव निवासी लवकुश कुमार के पुत्र चंदन कुमार अपने भांजा नालंदा जिले के रहुई थाना इलाके के सुल्तानपुर गांव निवासी अभिषेक कुमार के साथ 19 सितंबर को मालदा टाउन से नई दिल्ली जाने वाली 03413 अप स्पेशल ट्रेन से दिल्ली जा रहे थे।
उन्होंने पटना जंक्शन से टिकट लेकर जनरल कोच में सवार हो गए। रात सवा दस बजे के करीब ट्रेन बिहिया रेलवे स्टेशन पर खड़ी हुई तो एक व्यक्ति उसमें सवार हुआ। वह काला टी शर्ट, खाकी रंग का पैंट, काला जूता पहना था और कमर में पिस्टल रखा था। खुद को वह आरपीएफ का जवान बताते हुए चंदन और अभिषेक से टिकट दिखाने के लिए बोला। टिकट देखने के बाद कहा कि यह स्पेशल ट्रेन है इसमें साधारण टिकट लेकर कैसे चढ़ गए। अब जुर्माना लगेगा। फर्जी जवान पैसे की मांग करते हुए दोनों को लेकर दिव्यांग बोगी में लेकर चला गया। उसमें पहले से दो यात्रियों को मारपीट कर रखा हुआ था। इसके बाद उसने पिस्टल दिखाकर दोनों से मारपीट की और चंदन के पास से पांच हजार नकद, मोबाइल और अभिषेक के पास से तीन हजार नकद एवं मोबाइल छीन लिया और नदांव हॉल्ट के पास चलती ट्रेन से धक्का देकर दोनों को गिरा दिया।
मोबाइल में आरपीएफ का रखा था लोगों
रेल एसपी ने बताया कि आरोपित गुजरात में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था। उसे पुलिस की नौकरी करने का काफी शौक था। जिसके वजह से वह अपना वेश भूषा पुलिस की तरह रखता था। अपने मोबाइल में आरपीएफ का लोगों लगाकर खुद को आरपीएफ जवान बताता था। उसके पास से बिहार पुलिस लिखा हुआ पर्स बरामद हुआ है।
सीसीटीवी फुटेज से हुई आरोपित की पहचान
रेल एसपी ने बताया कि दोनों घायलों को देख स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना डायल 112 को दी। पुलिस चंदन के बयान पर केस दर्ज कर तकनीकी जांच शुरू की। सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया, जिसमें उसकी पहचान हुई। इसके बाद रेल पुलिस ने आरोपित को गांधी मैदान से उसे गिरफ्तार कर लिया। वह एक बेंच पर सोया हुआ था। रेल एसपी ने बताया कि वह कभी छपरा, कभी झारखंड तो कभी दूसरे स्टेशन पर लगातार घूमकर इस यात्रियों से छिनतई की घटना को अंजाम देता था। चंदन का मोबाइल छीनने के बाद उसने यूपीआई के माध्यम से पांच हजार रुपये भी दूसरे खाता में ट्रांसफर कर लिया था।