बिहार से झारखंड तक फ्लैट-जमीन, कार-ज्वेलरी और इन्वेस्टमेंट भी; EOU ने खनन इंस्पेक्टर की खोली पोल
ईओयू की कार्रवाई में खान इंस्पेक्टर बालू माफिया के साथ साठगांठ कर की गई काली कमाई का पूरा लेखा-जोखा सामने आया। उनके आय के वैद्य स्रोत से करीब 36 फीसदी अधिक की परिसंपत्ति का पता चला। रंजीत कुमार ने अपने परिजनों के नाम पर भी संपत्ति बनाई।
आर्थिक अपराध इकाई ने बिहार के एक और भ्रष्ट लोकसेवक की काली कमाई का खुलासा कर दिया है। आय से अधिक (डीए) संपत्ति मामले में ईओयू की टीम ने भोजपुर के पूर्व खान निरीक्षक रंजीत कुमार के खिलाफ कार्रवाई की। उनके 5 ठिकानों पर एकसाथ दो दिनों तक छापेमारी की गई। आरा में 4 और पटना में 1 ठिकानों पर शुक्रवार की देर शाम से शुरू हुई छापेमारी यह प्रक्रिया शनिवार दोपहर को जाकर समाप्त हुई। जांच एजेंसी की कार्रवाई में रंजीत कुमार की बड़ी संपत्ति का खुलासा हुआ है। आरोपी खनन इंस्पेक्टर की संपत्ति बिहार से लेकर झारखंड तक फैला है।
ईओयू की कार्रवाई में खान इंस्पेक्टर बालू माफिया के साथ रिश्तों की बात सामने आई है। उनके द्वारा माफिया से साठगांठ कर की गई काली कमाई की गई जिसका पूरा लेखा-जोखा सामने आया। उनके आय के वैद्य स्रोत से करीब 36 फीसदी अधिक की परिसंपत्ति का पता चला। यह करीब 14 लाख रुपये से अधिक की है। आरा स्थित उनके किराये के मकान से तलाशी के दौरान जमीन-जायदाद और वित्तीय निवेश से संबंधित कई कागजात बरामद हुए हैं। इसके अलावा लाखों की ज्वेलरी, एक चार पहिया वाहन और एक बाइक की बात सामने आई है।
रंजीत कुमार ने अपने परिजनों के नाम पर भी संपत्ति बनाई। उनके और पत्नी के चार बैंक खाते में जमा करीब डेढ़ लाख रुपये के अलावा अन्य बैंकों के पासबुक, एटीएम, चेक समेत अन्य चीजें बरामद हुई हैं। बरामद जमीन-जायदाद के विवरण में धनबाद में दो फ्लैट बुक करने के अलावा जमीन के कागजात, मधुबनी में कई प्लॉट के कागजात, एलआईसी के बॉड पेपर के दो कागजात, अन्य बीमा पॉलिसी से संबंधित कागज शामिल हैं। मधुबनी और धनबाद की कुछ जमीन पत्नी कुमारी सुमन के नाम से भी हैं। कुछ कागजात ऐसे भी मिले हैं, जिसमें उन्होंने अपने कुछ परिजनों के नाम पर भी संपत्ति बनाई है।