एसी-कूलर बंद, ठंड शुरू होते ही 60 फीसदी तक घट गई बिजली की मांग; इस समय सबसे ज्यादा खपत
आलम यह है कि सुबह छह बजे बिजली की मांग 299 मेगावाट तक रह रही है। जैसे-जैसे दिन चढ़ता जा रहा मांग में 100 मेगावाट तक बढ़ोतरी हो रही है। अधिकतम मांग 409 मेगावाट तक जा रही है।
धीरे-धीरे ठंड शुरू होते ही बिजली की मांग में बेतहाशा कमी हो गई। पटना में पीक आवर रात 11 बजे शहर में बिजली की मांग अधिकतम 343 मेगावाट तक जा रही है। अभी ठंड ऐसी है कि लोग हीटर, ब्लोअर और गीजर का इस्तेमाल तक नहीं कर रहे हैं। लोगों के घरों में बिजली की खपत अभी न के बराबर हो रही है। एसी, कूलर पहले से बंद हो चुके है और अब लोग पंखे का इस्तेमाल भी कम कर रहे हैं। आलम यह है कि सुबह छह बजे बिजली की मांग 299 मेगावाट तक रह रही है। जैसे-जैसे दिन चढ़ता जा रहा मांग में 100 मेगावाट तक बढ़ोतरी हो रही है। अधिकतम मांग 409 मेगावाट तक जा रही है। गर्मी की तुलना अभी 60 फीसदी मांग कम हो गई है।
आपूर्ति सिस्टम पर 40 फीसदी लोड
शहर के आपूर्ति सिस्टम पर मात्र 40 फीसदी तक लोड है। 60 फीसदी अनलोड सिस्टम है। जिसका फायदा यह है कि आपूर्ति सिस्टम सामान्य रूप से अनवरत चल रहा है। बिजली के तार पर लोड क्षमता से आधी है। जिसके कारण ट्रीपिंग की समस्या नहीं हो रही है। जंफर भी नहीं कट रहे हैं। तार टूटने की घटनाएं भी नहीं हो रही है। आम लोगों के बीच बिजली की आपूर्ति अनवरत हो रही है।
लगातार मेंटेनेंस भी कारगर
बिजली आपूर्ति सिस्टम का दुर्गापूजा से लगातार मेंटेनेंस किया गया है। हाल में छठ पूजा तक मेंटेनेंस हुआ है। जिसका असर भी बिजली आपूर्ति व्यवस्था पर पड़ता हुआ दिख रहा है। पावर सबस्टेशन से लेकर ट्रांसफार्मर तक सामान्य से आधे लोड पर चल रहे हैं।
सुबह
6 बजे 319 मेगावाट
7 बजे 312 मेगावाट
8 बजे 331 मेगावाट
9 बजे 335 मेगावाट
10 बजे 370 मेगावाट
11 बजे 363 मेगावाट
दोपहर
12 बजे 357 मेगावाट
1 बजे 350 मेगावाट
2 बजे 335 मेगावाट
3 बजे 344 मेगावाट
शाम
4 बजे 352 मेगावाट
5 बजे 383 मेगावाट
6 बजे 409 मेगावाट
7 बजे 405 मेगावाट
रात
8 बजे 397 मेगावाट
9 बजे 386 मेगावाट
10 बजे 357 मेगावाट
11 बजे 343 मेगावाट
12 बजे 320 मेगावाट
इस बार की प्रचंड गर्मी में रिकॉर्ड बिजली की मांग हुई थी। अप्रैल से ही बिजली की मांग बढ़ने लगी थी। बीते सालों का इसबार बिजली की मांग में रिकॉर्ड टूट चुका था। जून महीने में बिजली की मांग 863 मेगावाट तक पहुंच चुकी थी। सितम्बर महीने तक 800 मेगावाट के करीब मांग लगातार होती रही।