Hindi Newsबिहार न्यूज़Drones that detect alcohol in Bihar will now also monitor stubble burning govt decision amid increasing AQI

बिहार में शराब का पता लगाने वाले ड्रोन अब पराली जलाने की निगरानी भी करेंगे

बिहार में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण के बीच खेतों में धान की पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने उत्पाद विभाग के ड्रोन का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। इन ड्रोन से अभी अवैध शराब की निगरानी रखी जा रही है।

Jayesh Jetawat पटना, सुभाष पाठक, एचटीWed, 20 Nov 2024 08:34 PM
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बिहार में वायु गुणवत्ता में लगातार हो रही गिरावट के बीच अब खेतों में पराली जलाने के मामलों का पता लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए उत्पाद विभाग के साथ मिलकर ड्रोन का इस्तेमाल करने का करार किया गया है। मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग इन ड्रोन की मदद से फिलहाल अवैध शराब की तस्करी पर नजर रखने का काम करता है। शराब की निगरानी करने वाले ड्रोन अब राज्य में पराली जलाने के मामलों पर भी नजर रखेंगे।

अधिकारी ने बताया कि फिलहाल बिहार में पराली जलाने की घटनाएं बहुत कम हैं। हालांकि, रोहतास, भोजपुर, कैमूर और बक्सर समेत आसपास के इलाकों में धान की कटाई शुरू होने पर पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है। बिहार के कई शहरों में पारा गिरने के साथ ही विभिन्न जिलों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बिगड़ने लगा है। बुधवार को पटना का औसत AQI खतरनाक से खराब श्रेणी के बीच रहा।

राजधानी के बेली रोड स्थित इंदिरा गांधी विज्ञान केंद्र में औसत एक्यूआई 248 दर्ज किया गया, जो कि खराब श्रेणी में है। इसी तरह डीआरएम कार्यालय, दानापुर, शिकारपुर, मुरादपुर, राजबंसी नगर और समनपुरा में औसत एक्यूआई क्रमश: 298, 224, 293, 267 और 279 दर्ज हुआ। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (बीएसपीसीबी) के एक अधिकारी ने कहा, “इन सभी क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता कुछ समय में खतरनाक पाई गई।” बोर्ड के प्रमुख डीके शुक्ला के अनुसार वैज्ञानिक पराली या बायोमास कचरे को जलाने की घटनाओं का पता लगाने के लिए रिमोट सेंसिंग इमेजरी पर कड़ी नजर रख रहे हैं। उन्होंने वायु प्रदूषण के पीछे थर्मल पावर प्लांट के योगदान की संभावना को खारिज करते हुए कहा, इससे कोई बड़ा प्रभाव पड़े ऐसा मामला हमारी नजर में नहीं है। हालांकि, बिहार की सीमा से लगे उत्तर प्रदेश के जिलों में कुछ मामले सामने आए हैं।

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बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडे ने फील्ड अधिकारियों को अन्य विभागों के साथ सहयोग करने और गांवों में बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया, ताकि किसानों को पराली जलाने से रोका जा सके। मंगलवार को कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में मंत्री ने कहा, “इस बार, संवेदनशील जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) ने पराली जलाने के खिलाफ मुहिम शुरू की है और बायोमास कचरे को खुले में जलाने की घटनाओं की जांच के लिए रणनीति बनाई है। अधिकारियों को पराली जलाने के लिए कुख्यात क्षेत्रों की निगरानी करने और त्वरित कार्रवाई करने के लिए कहा जा रहा है।”

विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पटना, कैमूर, रोहतास और भोजपुर सहित विभिन्न जिलों के डीएम ने किसानों को पराली जलाने के प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए जीविका, आंगनबाड़ी, शिक्षा, पंचायती राज और सहकारी संस्थाओं के स्वयंसेवकों को शामिल करने का भी प्रस्ताव दिया है। नाम न छापने की शर्त पर कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पटना जिला प्रशासन वायु प्रदूषण और पराली जलाने के प्रभावों के बारे में छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से स्कूलों में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित करने की योजना बना रहा है।

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