कोलकाता में मेडिकल छात्रों पर हमले से बढ़ा बवाल, पटना में डॉक्टरों की हड़ताल; मरीज बेहाल
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के सचिव अंकित कुमार सिंह ने बताया कि बुधवार की देर रात लगभग 12:00 बजे कोलकाता में धरना दे रहे मेडिकल छात्रों पर असामाजिक तत्वों द्वारा हमला किया गया । ऐसे में डॉक्टरों की सुरक्षा पर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आर जी मेडिकल कॉलेज एंव अस्पताल की महिला डॉक्टर के साथ हैवानियात ने सभी को दहला कर रख दिया है। देश भर में अब अलग-अलग जगहों पर चिकित्सक लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। चिकित्सकों ने कई जगह हड़ताल कर रखा है और इसकी वजह से चिकित्सीय सेवाएं ठप हो गई हैं। अब एक बार फिर के आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बुधवार-गुरुवार की मध्यरात्रि को आक्रोशित भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया, पुलिस चौकी और आपातकालीन उपचार कक्ष में तोड़फोड़ की, इसके अलावा कुछ वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया और सीसीटीवी कैमरों को भी नष्ट कर दिया।
इधर इस घटना के विरोध में बिहार की राजधानी पटना में PMCH के जूनियर डॉक्टर और रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने पुनः हड़ताल की घोषणा कर दी है। अगले निर्णय लेने तक पीएमसीएच में सभी तरह का इलाज पूरी तरह ठप रहेगा। देर रात कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में धरना दे रहे छात्रों पर हमले के विरोध में यह निर्णय देश भर के रेजीडेंट डॉक्टरों के समर्थन में लिया गया है।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के सचिव अंकित कुमार सिंह ने बताया कि बुधवार की देर रात लगभग 12:00 बजे कोलकाता में धरना दे रहे मेडिकल छात्रों पर असामाजिक तत्वों द्वारा हमला किया गया । ऐसे में डॉक्टरों की सुरक्षा पर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया। उसे देखते हुए देश के रेजिडेंट डॉक्टर संघ के समर्थन में हम लोगों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।
हड़ताल पर बैठे डॉक्टई र कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में पहले ही नाराज थे। लेकिन रात के वक्त प्रदर्शनकारी मेडिकल छात्रों पर हमले के बाद यह पूरा मामला बढ़ता हुआ दिख रहा है। पटना के आईजीआईएमएस अस्पताल में ओपीडी सेवाएं बाधित रहीं और मरीज बेहाल रहे। यह चिकित्सक लगातार सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। उनकी ह भी मांग है कि हमले के दोषियों पर कार्रवाई हो। इस पूरे मामले में सबूत से छेड़छाड़ होने पर भी कार्रवाई की जाए। आईजीआईएमएस में कई मरीज दूर-दराज से पहुंचे थे। इस अस्पताल को पटना का तीसरा बड़ा अस्पताल भी कहा जाता है। कई मरीजों का कहना है कि अस्पताल में वो आ तो गए हैं लेकिन उन्हें अभी इलाज नहीं मिल पा रहा है।