Hindi Newsबिहार न्यूज़Delhi mass suicide mourns in Chapra Hiralal raising 4 disabled daughters tireless efforts

4 दिव्यांग बेटियों को दिन-रात एक कर पाल रहा था हीरालाल, दिल्ली में सामूहिक सुसाइड से छपरा में मातम

दिल्ली में चार दिव्यांग बेटियों के साथ खुदकुशी करने वाला हीरालाल मूलरूप से बिहार के छपरा का रहने वाला था। उसके गांव में इस सामूहिक आत्महत्या कांड से मातम पसरा हुआ है।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, छपराSat, 28 Sep 2024 09:42 AM
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Delhi Mass Suicide: दिल्ली के बसंतकुंज स्थित रंगपुरी इलाके में सामूहिक सुसाइड कांड के बाद बिहार के छपरा में भी मातम पसर गया। आत्महत्या करने वाले हीरालाल और उसकी चार बेटियां मूलरूप से सारण (छपरा) जिले के मशरक के रहने वाले थे। चारों बेटियां जन्म से ही दिव्यांग थीं। हीरालाल की पत्नी सुनीता की कैंसर से मौत हो गई थी। इसके बाद से ही वह अपनी चारों बेटियों को अकेले पाल रहा था। हीरालाल अपनी लाचार बेटियों की सेवा में रात-दिन एक कर देता था। अब पांचों की खुदकुशी की खबर मिलने के बाद छपरा स्थित गांव में भी मातम पसर गया।

50 वर्षीय हीरालाल अपनी पत्नी की मौत के बाद कभी गांव नहीं आया। वह दिल्ली में रहकर कारपेंटर का काम करता था। हालांकि, इस कांड से गांव के सभी लोग स्तब्ध हैं। सभी लोग उसके द्वारा अपनी बेटियों की अथक सेवा किए जाने की चर्चा कर रहे हैं। दक्षिणी दिल्ली के रंगपुरी में हीरालाल ने एक किराये पर फ्लैट ले रखा था। उसमें वह अपनी बेटियों निधि, नीलू, नीरा और नीति के साथ रहता था। इनकी उम्र 8 से 18 साल के बीच बताई जा रही है। ये चारों लड़कियां चलने-फिरने में असमर्थ थीं। एक लड़की आंख तो एक पैर से दिव्यांग थी। इसी फ्लैट से चारों बेटियों और हीरालाल का शव शुक्रवार को सड़ी-गली हालत में मिला। आशंका है कि सभी की मौत सल्फाज खाने से हुई।

पत्नी की मौत के बाद टूट चुका था हीरालाल

बताया जा रहा है कि हीरालाल की पत्नी सुनीता को कैंसर था। उसने बहुत इलाज कराया लेकिन उसे बचा नहीं पाया था। पिछले साल पत्नी की मौत के बाद हीरालाल पूरी तरह से टूट गया था। चारों दिव्यांग बेटियों की वह शिद्दत से सेवा कर रहा था। सुबह उठकर चारों के लिए खाना बनाता, सभी को खिलाकर वह काम पर जाता था। इसके बाद पूरे दिन बेटियां घर पर ही रहतीं, लेकिन खाना-पीना नहीं कर पाती थीं। शाम में जब हीरालाल काम से लौटते तो उन्हें खाना-पीना कराता था। फिर घर की सफाई और अन्य काम भी करता। यह सिलसिला रोज चल रहा था।

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बताया जा रहा है कि दिनभर नौकरी और सुबह एवं रात में बच्चियों की देखभाल करने से धीरे-धीरे उसका साहस जवाब देने लगा था। इसी से तंग आकर हीरालाल ने अपनी बेटियों के साथ आत्महत्या कर ली। हालांकि, पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। मामले की जांच की जा रही है। हीरालाल और पत्नी सुनीता को पहले बेटी दिव्यांग पैदा हुई थी। स्वस्थ संतान की चाहत में दंपति ने तीन और बच्चियों को जन्म दिया, लेकिन वे तीनों भी दिव्यांग ही पैदा हुईं।

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