मशरूम उत्पादन से आत्मनिर्भर बन सकते हैं युवा
जाले | एक संवाददाता स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र में ग्रामीण युवक-युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने...
जाले | एक संवाददाता
स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र में ग्रामीण युवक-युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बीज एवं मशरूम उत्पादन तकनीक पर आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुक्रवार को प्रमाणपत्र वितरण के साथ संपन्न हुआ। प्रशिक्षण के अंतिम सत्र में रबी फसलों के बीज उत्पादन तकनीकी पर भी विस्तृत चर्चा हुई। मुख्य प्रशिक्षक कृषि वैज्ञानिक डॉ. एपी राकेश ने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि किसी विश्वसनीय संस्थान से किसान प्रजनक अथवा आधार बीज खरीदकर खुद बीज का उत्पादन कर सकते हैं। इसके लिए पृथकरण दूरी, अवांछित पौधे को निकालना, बीज का प्रमाणन, बीज की शुद्धता की जांच आदि बातों पर ध्यान रखना होता है। किसान खुद बीज का उत्पादन कर आत्मनिर्भर हो सकते हैं एवं अधिक बीज का उत्पादन भी कर सकते हैं। प्रशिक्षण में उद्यान वैज्ञानिक कुमारी अम्बा ने सब्जियों के बीज उत्पादन तकनीकी और फार्म मैनेजर डॉ. चंदन कुमार ने बीजों की विभिन्न श्रेणियों की जानकारी दी। मशरूम उत्पादन तकनीकी के मुख्य प्रशिक्षक सह पौधा संरक्षक वैज्ञानिक डॉ. आरपी प्रसाद ने पांच दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान ऑयस्टर मशरूम, बटन मशरूम, दूधिया मशरूम आदि उत्पादन तकनीक पर विस्तार से चर्चा की और बीज उत्पादन में कीट एवं रोग प्रबंधन के बारे में बताया। प्रशिक्षणार्थियों से प्रायोगिक प्रशिक्षण भी करवाया गया। केंद्र में उर्वरक अनुज्ञप्ति के लिए चल रहे 15 दिवसीय प्रशिक्षण में समेकित पोषण प्रबंधन विषय पर डॉ. एपी राकेश ने फसलों में पोषक तत्वों की कमी के लक्षण एवं प्रबंधन तथा फसल उत्पादन में सूक्ष्म पोषक तत्वों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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