स्वस्थ व सुखी जीवन के लिए योग अपनाएं : योगाचार्य
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग ने 'योग: सुख-समृद्धि का आधार' पर कार्यशाला का आयोजन किया। मुख्य वक्ता इंजीनियर राम औतार तायल ने नियमित योगाभ्यास के महत्व पर जोर दिया।...
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग के तत्वावधान में शुक्रवार को योग : सुख-समृद्धि का आधार विषय पर कार्यशाला का आयोजन विभागाध्यक्ष डॉ. घनश्याम महतो की अध्यक्षता में किया गया। ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मोड में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता मेरठ के योगाचार्य इंजीनियर राम औतार तायल ने कहा कि जीवन में सुख समृद्धि नियमित योगाभ्यास से ही संभव है। प्राणायाम द्वारा शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाकर हम कम भोजन कर भी अधिक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने रोगों की चर्चा करते हुए कहा कि सर्वाधिक बीमार अमीर व्यक्ति एवं अधिकारी लोग ही पड़ते हैं, क्योंकि वे शारीरिक श्रम कम और मानसिक चिंताएं ज्यादा करते हैं। कहा कि आसान और प्राणायाम को जीवन में नियमित रूप से अपनाकर हम स्वस्थ एवं सुखी जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कई आसनों का अभ्यास भी कराया। विभागाध्यक्ष डॉ. महतो ने कहा कि योग चिकित्सा से गठिया, वात, साइटिका, लकवा सहित कई असाध्य रोगों डायबिटीज, मोटापा, हाइपरटेंशन तथा हृदयरोग आदि का इलाज संभव है। योग से काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि का निरोध होता है। अमित कुमार झा ने योग के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. आरएन चौरसिया ने कहा कि शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने वाला योग मानव की सर्वश्रेष्ठ जीवन शैली है जो सुख एवं समृद्धि का मूल आधार है। व्यापक अर्थ में योग हमारी आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का महत्वपूर्ण माध्यम है। अतिथियों का स्वागत डॉ. ममता स्नेही ने किया।
शोधार्थी सदानंद विश्वास के संचालन में आयोजित कार्यशाला में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मोना शर्मा ने किया। कार्यक्रम में डॉ. अनुरंजन, डॉ. रश्मि शिखा, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अशोक कुमार, प्रो. रामागर प्रसाद, डॉ. श्याम मूर्ति भारती, शोधार्थी मनी पुष्पक घोष, मधुसूदन शर्मा, चंद्रशेखर झा सहित कई शिक्षक, शोधार्थी व छात्र-छात्राएं शामिल हुए।
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