सैकड़ों एकड़ भूमि से होगी जलनिकासी
बिरौल अनुमंडल में वर्षों से जलजमाव की समस्या से किसानों को कठिनाई हो रही है। प्रशासन ने जलनिकासी के लिए नाला निर्माण की तैयारी शुरू कर दी है। इससे पांच हजार एकड़ कृषि योग्य भूमि का उपयोग होगा और...
बिरौल। अनुमंडल क्षेत्र में वर्षों से सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि पर जलजमाव है। इससे किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। अब यहां से जलनिकासी की प्रशासनिक तैयारी शुरू हो गई है। इसे लेकर अनुमंडल मुख्यालय कार्यालय में एसडीओ उमेश कुमार भारती की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में जलनिकासी के लिए नाला निर्माण शुरू करने से पहले अमीन एवं जल संसाधन विभाग की ओर से बनाये गये नक्शे पर मंथन किया गया। एसडीओ ने बताया कि जिस तरह उत्तर बिहार के लिए एम्स अति महत्वपूर्ण उपलब्धि है, उसी तरह इस क्षेत्र के लिए जलजमाव की बड़ी समस्या के निदान के लिए नाला निर्माण होना अत्यन्त आवश्यक है। जलजमाव की चपेट में गौड़ाबौराम, कुशेश्वरस्थान व बिरौल की पांच हजार एकड़ कृषि योग्य भूमि है। इससे जलनिकासी होने से बेकार पड़ी भूमि से उपज शुरू हो जाएगी। इससे किसानों को काफी फायदा होगा। जदयू नेता संजीव झा ने बताया कि विभागीय अभियंता ने मैप तैयार कर सरकार को भेजा है। जल्द ही इस पर स्वीकृति देखकर कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इस दौरान एसडीओ ने सीओ से तैयार मैप के अधीन पड़ने वाली भूमि को चिह्नित कर सूची तैयार करने का निर्देश दिया।
मालूम हो कि गौड़ाबौराम प्रखंड के आसी, कन्हई, नदई, कसरौर करकौली, बगरासी, बौराम एवं बिरौल के सुपौल, बिरौल, सोनपुर पघारी, उछटी, कुशेश्वरस्थान के भदहर व औराही सहित कई पंचायतों की पांच हजार एकड़ से अधिक भूमि पर सालोंभर जलजमाव रहने से किसानों को आर्थिक हानि हो रही है। जमे पानी को निकालने के लिए कन्हई कुनोनी से लेकर मरनी कमला नदी ठीका तक 50 फीट चौड़ा नाला निर्माण की योजना तैयार की गई है। एसडीओ ने बताया कि नाले के लिए मैप तैयार कर भूमि चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है। कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद काम शुरू किया जाएगा।
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