महाकुम्भ में भगदड़ देख मुंह में आ गया कलेजा, लगा अब नहीं बचेंगे
प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के कारण कई श्रद्धालु घायल हुए और दर्जनों की मौत हो गई। अंजनी कुमार ने बताया कि वे अपने परिवार के साथ स्नान के लिए गए थे, जब अचानक भगदड़ मच गई। व्यवस्था की कमी के कारण...
लहेरियासराय। लहेरियासराय थाने के खाजासराय स्थित विद्यापति नगर मोहल्ले के रहने वाले अंजनी कुमार प्रयागराज महाकुम्भ में मची भगदड़ के दौरान वहां मौजूद थे। वे उस पल को याद कर सहम जाते हैं। प्रयागराज से घर लौटने पर उन्होंने कहा कि भगदड़ देख मुंह में कलेजा आ गया, उम्मीद नहीं थी कि उनकी जान बच पाएगी। परंतु भगवान की इच्छा थी कि वे और उनके रिश्तेदार बचकर घर आ गए। उन्होंने बताया कि वे अपने भतीजे दिग्विजय सिंह, साले कुणाल कुमार, पत्नी, भाभी, साले की पत्नी व सास के साथ महाकुम्भ में स्नान के लिए 28 जनवरी की सुबह 11 बजे प्रयागराज पहुंचे। वहां 20 किलोमीटर पहले ही उनकी स्कॉर्पियो को पार्क करवा दिया गया। फिर चार घंटे पैदल चलकर घाट के पास पहुंचे। 28 जनवरी को ही उन लोगों ने चार बजे शाम में संगम में स्नान किया। उसके बाद धर्मशाला में रुके। फिर अमृत स्नान के लिए वे लोग 28 जनवरी की रात 12 बजे संगम नोज की ओर निकले। रात करीब एक बजे वे लोग संगम नोज से डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर थे। उसी समय भगदड़ मच गयी। वे लोग किसी तरह बैरिकेडिंग का सहारा लेकर किनारे खड़े हो गए। पीछे से सभी महिलाओं को खड़ा किया और आगे से तीनों पुरुषों ने मोर्चा संभाला। इस दौरान वे लोग चोटिल भी हुए। हालांकि महिलाओं को चोटिल होने से बचा लिया।
उन्होंने बताया कि संगम स्थल पर भगदड़ के कारण करीब तीन घंटे तक अफरातफरी मची रही। उसके बाद जब स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ तो वे लोग वहां से छह घंटे पैदल चलकर अपनी गाड़ी के पास पहुंचे और वहां से दरभंगा के लिए रवाना हुए। उन्होंने कहा कि गंगा घाट पर व्यवस्था की घोर कमी थी। जो श्रद्धालु संगम स्थल पर स्नान करने के लिए आते थे उन्हें बाहर जाने का रास्ता बताने वाले कोई अधिकारी वहां नहीं थे।
दूसरी ओर श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी था। इसके कारण संगम स्थल से निकलने वाले श्रद्धालु और आने वाले श्रद्धालु आमने-सामने हो गए और आपस में उनकी टक्कर हो गई। इसके कारण कई श्रद्धालु नीचे गिरकर भीड़ में कुचले गए। सैकड़ों श्रद्धालु संगम तट के किनारे स्नान करने के लिए खड़े थे। उन श्रद्धालुओं को पीछे से आ रही भीड़ इतनी जोर से धक्का मार रही थी कि वे लोग करीब 40 फीट दूरी पर जाकर गंगा नदी में गिर रहे थे। इसमें दर्जनों लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए। इसी बीच एंबुलेंस की दर्जनों गाड़ियां स्थल पर आईं। उसकी मदद से कई गंभीर व मरणासन्न लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया।
उन लोगों ने बताया कि बुजुर्ग महिलाओं और बच्चों के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं की गई थी। इस कारण हादसे के शिकार अधिकतर बुजुर्ग व बच्चे हुए।
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