छात्रों ने की नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति
कुशेश्वरस्थान के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्रों ने जनजातीय समाज की पारंपरिक संस्कृति पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया। इस पखवाड़े का उद्देश्य जनजातीय लोगों के योगदान और संस्कृति के प्रति...
कुशेश्वरस्थान पूर्वी। प्रखंड के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय केवटगामा के छात्रों ने जनजातीय लोगों की पारंपरिक भेषभूषा, लोक नृत्य, आहार व्यवहार जीवन पर नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति की। विज्ञान शिक्षक जितेन्द्र कुमार ने कहा कि भारत सरकार के निर्देश पर 15 से 26 नवम्बर तक चलने वाला यह पखवाड़ा जनजातीय समाज के गौरव, स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, जनजातीय संस्कृति के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करेगा, वहीं उनके मान-सम्मान और महत्ता को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा। शिक्षक लखींद्र राम ने कहा कि नई पीढ़ी के बच्चों को अपने पुरखे जनजातीय समाज के योगदान और बलिदान को याद करने की जरूरत है। उन लोगों ने समस्याओं के सामने हार ना मानकर अंग्रेजों की गलत नीतियों का जमकर विरोध किया। शिक्षक धनंजय कुमार ने कहा कि जनजातीय समाज बहुत सरल और सहज है। उनकी संस्कृति प्रकृति आधारित है।
विद्यालय के छात्र विकास, कृष्णा, संदीप, रविन्द्र, कन्हैया, प्रिंस, गोपाल, रजनीश व संस्कृत ने जनजाति समाज के लोगों का रूप धारण कर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। बच्चों ने हाथ में पारंपरिक तीर-कमान, कमर में घास-फूस का झालर, गले में जंगली फूलों की माला और स्वभाव से सरल, सहज और बिल्कुल निडर जनजातीय समाज की संस्कृति को नाटक के रूप में दिखाया। इस अवसर पर उन लोगों ने लोक नृत्य भी किया। एचएम शंभू सदा ने सभी बच्चों को शुभकामना देते हुए कहा कि भगवान बिरसा मुंडा और अन्य जनजातीय लोगों का जीवन आज भी हम लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत है। मौके पर शिक्षक रामाकांत राय, दुर्गानंद झा, संतोष भगत, डॉ. दीपक झा, मनीष, गंगा, सुनील, पूजा आदि थे।
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