नगर पंचायत की संरचनाओं को समझने में जुट गए हैं जनप्रतिनिधि
जाले | एक संवाददाता जाले विधानसभा क्षेत्र के जाले, कमतौल, सिंहवाड़ा और भरवाड़ा के...
जाले | एक संवाददाता
जाले विधानसभा क्षेत्र के जाले, कमतौल, सिंहवाड़ा और भरवाड़ा के पंचायत प्रतिनिधि अब मान चुके हैं कि उन्हें नगर पंचायत की व्यवस्था और उससे संबंधित राजनीति से ही गुजरना होगा। ऐसे में फिलहाल पंचायत प्रतिनिधि नगर पंचायत की संरचना एवं उसके संदर्भ की तमाम जानकारियों को जुटाने में लगे हैं। प्रथमतया वे नगर पंचायत के परिसीमन को लेकर अध्ययन कर रहे हैं। किन-किन पंचायतों से कौन कौन सा क्षेत्र कटकर नगर पंचायत में शामिल हुआ है या कौन कौन सा क्षेत्र अभी उनकी पंचायत से बाहर है। पंचायत प्रतिनिधि विभिन्न माध्यमों से इन सारी बातों की जानकारी जुटाने में लग गए हैं। पंचायत प्रतिनिधियों एवं आम लोगों के मन में इस बात की भी आशंका सताने लगी है कि नगर पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में अमीरों के बीच विशेष गहमागहमी रहेगी, चुनाव में पैसों का जमकर खेल होगा। इससे नगर पंचायती व्यवस्था पर पूंजीपतियों का दबदबा बना रहेगा और गरीबों को कम फायदा होगा।
भरवाड़ा पंचायत के पूर्व मुखिया अवधेश साह एवं वर्तमान मुखिया आरती देवी मानते हैं कि वर्तमान में पंचायती राज व्यवस्था ही सही है। नि:संदेह भरवाड़ा व्यवसायों से भर१ एक पंचायत है, लेकिन इसके बहुत सारे क्षेत्र अभी भी कृषि एवं मजदूर आधारित हैं। कृषि एवं मजदूर आधारित क्षेत्र के लोगों को शहर जैसा टैक्स अदा करना पड़ेगा, जो अभी संशय का विषय है। अवधेश साह कहते हैं कि वे इसका अध्ययन कर रहे हैं। यह व्यवस्था अच्छी लगेगी तो वे नगर पंचायत की राजनीति में भी अपनी सक्रियता दिखाएंगे। नगर पंचायत अध्यक्ष पद की ओर बढ़ने के लिए वे कदम भी उठाएंगे। सिंहवाड़ा उत्तरी पंचायत के मुखिया मोहन सहनी उर्फ अविनाश सहनी कहते हैं कि उन्हें अभी नगर पंचायत की संरचनाएं समझ में नहीं आ रही है। वे इसके बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि नगर पंचायत की निर्वाचन व्यवस्था क्या होगी और इसके माध्यम से वे जनता की सेवा किस तरह सकेंगे। उनका कहना था कि बावजूद इसके यह व्यवस्था कायम हुई तो वे नगर पंचायत की राजनीति में अपनी सक्रियता अवश्य दिखाएंगे।
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