शहर में बंदरों से निजात के लिए नगर निगम ने बनाई समिति
दरभंगा के शहरी क्षेत्र में बंदरों के उपद्रव से लोग परेशान हैं। कई लोग दुर्घटनाग्रस्त हो गए हैं और कुछ की जान भी गई है। नगर निगम ने समस्या को हल करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति को...

लहेरियासराय। दरभंगा शहरी क्षेत्र के अधिकतर इलाकों के लोग बंदरों के उपद्रव से परेशान हैं। कई बार बंदरों के उपद्रव के कारण लोग दुर्घटनाग्रस्त भी हो गए हैं तो कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। बंदरों के उपद्रव से निजात के लिए कई लोगों ने नगर निगम और वन विभाग को आवेदन भी दिये थे, लेकिन आज तक नगर निगम प्रशासन और वन विभाग नागरिकों को बंदरों के उपद्रव से निजात नहीं दिला पाया। नगर निगम बोर्ड की बैठक में बार-बार बंदरों के आतंक से और सड़क पर घूम रहे आवारा पशुओं से मुक्ति दिलाने की बात उठती रही।
बहरहाल नगर आयुक्त राकेश गुप्ता ने इस मामले को संज्ञान में लिया। उन्होंने लोगों को बंदरों के उपद्रव से निजात दिलाने के लिए तीन पार्षदों की समिति का गठन किया है। बता दें कि दरभंगा नगर निगम की गत 13 जनवरी को हुई सामान्य बैठक में बंदरों को पकड़ने के लिए समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया था। इसके अनुसार वार्ड 31 के पार्षद सह सशक्त स्थाई समिति के सदस्य नफीसुल हक रिंकू, वार्ड नंबर 21 के पार्षद नवीन सिन्हा तथा वार्ड 12 के पार्षद मुकेश कुमार महासेठ को शामिल करते हुए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इस काम को अधिकतम 90 दिनों के अंदर पूरा कर लिया जाना है। समिति ने वार्ड पार्षद नवीन सिन्हा को अधिकृत किया है कि वे इसके लिए संबंधित पदाधिकारी या विभाग से पत्राचार कर त्वरित कार्रवाई करें। यह भी निर्णय हुआ कि बंदरों को पकड़ने के बाद उन्हें कहां छोड़ना है, यह पूर्व में ही तय हो जाना चाहिए। इस विषय पर डीएम के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर संबंधित एजेंसी के सामने शर्त रखी जाए, ताकि उसी अनुरूप काम हो। वन्य जीव अधिनियम के अनुसार बंदरों को बिना शारीरिक क्षति पहुंचाए उन्हें पकड़कर जंगलों में छोड़ने का प्रावधान है। वन विभाग के आदेश के बाद ही यह काम संभव हो पाएगा। वन विभाग को आश्वस्त करना है कि शहर में बंदरों के आतंक के कारण जान-माल का नुकसान हुआ है, हो रहा है और इससे कई लोग दुर्घटना के शिकार हुए हैं। इस संबंध में समिति के सदस्यों ने जिन्हें नुकसान हुआ है, उनका ब्योरा, नाम-पता तथा वार्ड को जुटाना शुरू किया है ताकि अनुमति के लिए उसे संलग्न कर आवेदन दिया जा सके। अगर सब कुछ ठीक रहा तो इसी मार्च में वन विभाग को इसके लिए प्रमाण सहित आवेदन दिए जाने की बात सदस्यों ने कही है। अगर अनुमति मिलती है तो 90 दिनों के अंदर दरभंगा शहर को बंदरों के हमले व क्षति से मुक्ति दिलाने का आश्वाशन भी सदस्यों ने दिया है। पार्षद नवीन सिन्हा ने बताया कि शहरी क्षेत्र को बंदरों के उपद्रव से मुक्त बनाने पर नगर निगम पहल कर रहा है। हम लोग विभागीय और पेपर वर्क में जुटे हैं। जल्द ही सभी प्रक्रियाएं पूरी कर लोगों को बंदरों के उपद्रव से निजात मिल जाएगी। उधर, एक संगठन ने इस कार्रवाई के विरोध में नगर निगम को आवेदन दिया है।
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