Hindi Newsबिहार न्यूज़दरभंगाMithila Vibhuti Festival Celebrates Cultural Heritage and Honors Contributors

विद्यापति का पूरे विश्व के लोग करते हैं सम्मान : सर्वेश

दरभंगा में 52वें मिथिला विभूति पर्व समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें कवि विद्यापति की रचनाओं की सराहना की गई। विधान पार्षद ने सांस्कृतिक उन्नयन के लिए कार्यक्रम की महत्वपूर्णता बताई। इस समारोह में...

Newswrap हिन्दुस्तान, दरभंगाSat, 16 Nov 2024 01:03 AM
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दरभंगा। सामाजिक एवं सांस्कृतिक उन्नयन में कवि कोकिल विद्यापति की रचनाएं अहम हैं। विद्यापति एकमात्र व्यक्ति हैं जिनका सम्मान सिर्फ मिथिलावासी ही नहीं, पूरे देश और विश्व के लोग करते हैं। ये बातें शुक्रवार को 52वें मिथिला विभूति पर्व समारोह के तीसरे दिन के कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए विधान पार्षद सर्वेश कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि मिथिला में सांस्कृतिक उन्नयन के लिए मिथिला विभूति पर्व समारोह से बेहतर कार्यक्रम की बस कल्पना ही की जा सकती है, उसे साकार करना करना इतना आसान नहीं है। इसे साकार करने में डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू के प्रयासों की जितनी सराहना की जाए वह कम है। अलीनगर विधायक डॉ. मिश्री लाल यादव ने कहा कि विश्वभर में मिथिला की सांस्कृतिक ललक जगाने में बैद्यनाथ चौधरी बैजू का अहम योगदान रहा है। आज मखान मिथिला की आर्थिक उन्नति का माध्यम बन रहा है। एम्स का निर्माण होने से स्वास्थ्य की दृष्टि से भी इसका समृद्ध होना निश्चित है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से मिथिला राज्य भी बनेगा। हायाघाट विधायक डॉ. रामचंद प्रसाद ने इस कार्यक्रम के लिए विद्यापति सेवा संस्थान की सराहना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व विधान पार्षद प्रो. दिलीप कुमार चौधरी ने इस सांस्कृतिक महाकुंभ को मिथिला की धरोहर संस्कृति एवं संस्कार के संरक्षण एवं संरक्षण में महत्वपूर्ण बताते हुए इस तरह के आयोजन से युवाओं के जुड़ने का आह्वान किया। इससे पहले अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान के महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि जितने भी अतिथि इस मंच पर आते हैं वह माता जानकी, मां मैथिली एवं कवि विद्यापति के सम्मान में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति के उद्गार से मैथिली एवं मां जानकी के प्रति जो श्रद्धा निवेदित होता है वही मैथिली की ताकत है। कार्यक्रम में सृष्टि फाउंडेशन एवं नटराज डांस एकेडमी के बच्चों ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं. कमलाकांत झा ने किया। तीसरे दिन चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए आयुर्वेदाचार्य डॉ. सौरभ शर्मा, डॉ. जितेंद्र ठाकुर एवं डॉ. नागेंद्र यादव को व लोक गायन के क्षेत्र में केदारनाथ कुमर को मिथिला विभूति सम्मान प्रदान किया गया। संतोष दत्त झा को मिथिला गौरव सम्मान दिया गया। इसके बाद रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ।

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