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शोध संस्थान को दिलाएंगे वैश्विक पहचान : संजय झा

दरभंगा में मिथिला संस्कृत शोध संस्थान को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कैबिनेट से स्वीकृत राशि के अतिरिक्त सीएसआर मदद की बात कही। उन्होंने प्राचीन...

Newswrap हिन्दुस्तान, दरभंगाSat, 8 Feb 2025 11:01 PM
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शोध संस्थान को दिलाएंगे वैश्विक पहचान : संजय झा

दरभंगा। मिथिला संस्कृत शोध संस्थान को वैश्विक पहचान दिलाएंगे। इस संस्थान को कैबिनेट से स्वीकृत राशि के अतिरिक्त सीएसआर से भी मदद मिलेगी। ज्ञान परंपरा को सहेजना हमारा नैतिक दायित्व है। ये बातें जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद संजय झा ने कही। वे शुक्रवार को स्थानीय सर्किट हाउस में संस्थान के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 56 करोड़ से अधिक की कैबिनेट स्वीकृति देने पर संस्कृतानुरागियों की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे। सांसद श्री झा ने कई विकसित देशों की अपेक्षा यहां की प्राचीन व दुर्लभ पांडुलिपियों को अधिक समृद्ध बताया। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर नए बजटीय प्रावधान में निजी तौर पर संगृहीत पांडुलिपियों को भी संरक्षित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संस्कृति, पर्यटन एवं परिवहन की स्थायी संसदीय समिति के अध्यक्ष के नाते भी इस दिशा में मैं प्रभावी कदम उठाऊंगा।

संदीप विवि के कुलपति प्रो. समीर वर्मा ने इस बौद्धिक कार्य के लिए राज्यसभा सांसद के प्रति आभार व्यक्त किया। शास्त्रचूड़ामणि विद्वान प्रो. जयशंकर झा के काव्यात्मक अभिनंदन से राज्यसभा सांसद अभिभूत दिखे। संस्थान के पूर्व पांडुलिपि विभागाध्यक्ष डॉ. मित्रनाथ झा ने कहा कि मेरे जीवनकाल में यह सपनों के हकीकत होने जैसा है। डॉ. झा ने कहा कि तत्कालीन महाराजाधिराज डॉ. कामेश्वर सिंह की दानशीलता एवं प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने जिस लक्ष्य व दृष्टि से 21 नवंबर 1951 को इसकी नींव डाली वह धरातल पर उतरते देखना रोमांचक होगा।

संस्कृत विवि के पीजी साहित्य विभाग के वरीय प्राध्यापक प्रो. संतोष पासवान ने राज्यसभा सांसद के इस कदम को समस्त संस्कृत जगत के लिए अभिनंदन योग्य बताया। शिक्षाविद डॉ. शिवकिशोर राय ने संस्थान के गौरवमय अतीत के साथ-साथ कल्पनातीत भविष्य के लिए राज्यसभा सांसद द्वारा किए जा रहे कार्यों को सदियों तक स्मरण योग्य बताया। मौके पर सीएम कॉलेज के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. संजीत झा, सीनेट सदस्य मदन राय, कला संस्कृति एवं युवा विभाग राज्य परामर्शदात्री सदस्य उज्ज्वल कुमार, सुभाष चौधरी, नरेश मिश्र आदि थे।

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