सम्मेलन से डीएमसीएच में बड़े बदलाव की उम्मीद
दरभंगा में एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया के वार्षिक सम्मेलन के दौरान, दिल्ली के एम्स के विशेषज्ञों ने डीएमसीएच में क्रिटिकल केयर में बड़े बदलाव की उम्मीद जताई। उन्होंने गंभीर मरीजों के इलाज के लिए...
दरभंगा। एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया के बिहार चैप्टर के वार्षिक सम्मेलन के दौरान दिल्ली के एम्स के अलावा पटना से आए विशेषज्ञ चिकित्सकों के मार्गदर्शन से डीएमसीएच में क्रिटिकल केयर के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा। दिल्ली के एम्स के क्रिटिकल केयर विभाग में विशेषज्ञ डॉ. युद्धवीर सिंह के अलावा डॉ. सुमंत झा और डॉ. किशोर झुनझुनवाला ने उभरते हुए चिकित्सकों व पीजी छात्रों को हीमो डायनेमिक मॉनिटरिंग व सिमुलेशन वर्कशॉप में क्रिटिकल केयर के वे गुण सिखाए जिससे डीएमसीएच के आईसीयू में गंभीर मरीजों का आधुनिकतम तकनीक से इलाज हो सकेगा। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में आयोजित वर्कशॉप में दर्जनों चिकित्सक और पीजी छात्रों ने शुक्रवार को क्रिटिकल केयर यूनिट में होने वाले आधुनिकतम इलाज के गुर सीखे। कोलकाता के क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ. सोमेन पंजा ने भी मरीजों की जान बचाने के लिए हीमो डायनेमिक मॉनिटरिंग का बेहतरीन डिमॉन्सट्रेशन दिया। पुतले के सहारे मरीजों के इलाज की बारीकियों से अवगत कराया गया। विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कहा कि आईसीयू में इलाजरत गंभीर मरीजों मानक बुनियादी हीमो डायनेमिक निगरानी (ईसीजी, हृदय गति, रक्तचाप, केंद्रीय शिरापरक दवाब, तापमान, ऑक्सीजन संतुष्टि, रक्त गैस विश्लेषण) की आवश्यकता होती है। गंभीर रूप से बीमार सभी मरीजों की इंट्रा वैस्कुलर वॉल्यूम की स्थिति की निगरानी की आवश्यकता होती है। मूत्र उत्पादन को नियमित आधार पर मापा जाना चाहिए।
शल्य चिकित्सा रोगियों की निगरानी में रक्तस्राव पर नजर रखने के लिए निरीक्षण शामिल है। विशेषज्ञ चिकित्सकों ने गंभीर मरीजों की निगरानी और इलाज के लिए कई नवीनतम जानकारी दी। इसका लाभ डीएमसीएच में इलाज को आने वाले मरीजों को पहुंचेगा।
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