Hindi NewsBihar NewsDarbhanga NewsLocal Anger Over Delay in Repairing Breach in Kosi Western Embankment

कोसी पश्चिमी तटबंध में दरार की मरम्मत का काम शुरू नहीं

गौड़ाबौराम में कोसी पश्चिमी तटबंध के 38.75 किमी पर दरार को पाटने का काम अब तक शुरू नहीं हुआ है, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है। 29 सितंबर को तटबंध टूटने से भारी तबाही हुई थी। लोग विभागीय उदासीनता के...

Newswrap हिन्दुस्तान, दरभंगाSun, 22 Dec 2024 12:42 AM
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गौड़ाबौराम। कोसी पश्चिमी तटबंध स्थित भुवौल गांव के पास तटबंध के 38.75 किमी बिन्दु पर दरार को पाटने का काम अब तक शुरू नहीं किया गया है। इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है। विभागीय उदासीनता के खिलाफ स्थानीय लोगों ने शुक्रवार को दरार स्थल पर जुटकर नारेबाजी की थी तथा विभागीय अधिकारियों की कथित उदासीनता के खिलाफ आक्रोश जताया था। उल्लेखनीय है कि गत 29 सितंबर की रात कोसी पश्चिमी तटबंध किरतपुर अंचल के भुवौल स्थित 38.75 किमी बिन्दु पर दो सौ मीटर में टूट गया था। इससे दरभंगा जिले के किरतपुर, गौड़ाबौराम व सीमावर्ती सहरसा जिले के महिषी प्रखंड में बाढ़ से भारी तबाही हुई थी। तटबंध में हुई दरार से भुवौल गांव का तो भूगोल ही बदल गया। सैकड़ों मकान पानी की तेज धारा में वह गये और कई लोगों की जान भी कोसी के गर्भ में चली गई। तटबंध टूटने के बाद राज्य के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी कोसी पश्चिमी तटबंध के टूटान स्थल भुवौल पहुंचकर कोसी नदी के विनाशकारी दृश्य को देखा। मंत्री के निर्देश पर गत 11 नबंर को कोसी हाई लेवल कमेटी ने भी कोसी पश्चिमी तटबंध के टूटान स्थल का मुआयना किया और तटबंध पर शरण लिए स्थानीय लोगों से फीडबैक लिया। गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के चेयरमैन की अध्यक्षता में गठित कोसी हाई लेवल कमेटी में शामिल सेंट्रल वाटर कमीशन के सदस्य डायरेक्टर सीडब्लूपीआरएस, चीफ इंजीनियर फ्लड कंट्रोल, नेपाल सरकार के कोसी एवं बकराहा रीवर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट मैनेजर, डिप्टी डायरेक्टर सेंट्रल मिनिस्ट्री ऑफ वाटर रिसोर्स, गर्वमेंट ऑफ नेपाल के प्रतिनिधियों ने भी लोगों से बातचीत की। कोसी पश्चिमी तटबंध पर शरण लिए भुवौल गांव के रतिचंद्र शर्मा, रामनारायण यादव, शिवशंकर चौधरी आदि पीड़ितों ने केएच एलसी के सदस्यों से कोसी पश्चिमी तटबंध से सटकर बहने वाली कोसी नदी की शाखा को उसके उद्गम स्थल डौका और सिधौली के पास धार क्लोजिंग करने की गुहार लगायी। पीड़ितों ने बताया कि धार क्लोजिंग कर देने से पश्चिमी कोसी तटबंध की ओर मुड़ी कोसी नदी की धारा स्वत: दक्षिण दिशा की ओर मुड़कर प्रवाहित होने लगेगी जिससे कोसी पश्चिमी तटबंध भी सुरक्षित हो जायेगा। विभागीय उदासीनता का आलम यह है कि तटबंध के ब्रीच स्थल पर मिट्टी फिलींग का भी काम अब तक शुरू नहीं किया गया है जबकि टूटान स्थल पर बालू का ढेर जमा है। इधर, पश्चिमी कोसी तटबंध प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता भंडारी ने बताया कि पश्चिमी कोसी तटबंध के 38.75 किमी स्थित ब्रीच क्लोजिंग के लिए निविदा आमंत्रित की गयी है। तटबंध के 30 किमी बिंदु नीमा से 53 किमी बिंदु घोघेपुर तक तटबंध के ऊंचीकरण और पक्कीकरण के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि गो एहिड मिलते ही दरार को पाटने का काम शुरू कर दिया जायेगा।

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