पेट में टेट्रा छोड़ने के मामले की जांच के लिए कमेटी गठित
दरभंगा के डीएमसीएच मातृ शिशु अस्पताल में सीजेरियन ऑपरेशन के बाद एक महिला के पेट में टेट्रा छोड़ने के आरोप पर जांच के लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। मरीज के पति ने इसके कारण पत्नी की...
दरभंगा। डीएमसीएच के मातृ शिशु अस्पताल में सीजेरियन के बाद कथित रूप से प्रसूता के पेट में टेट्रा छोड़ देने के मामले की जांच के लिए अधीक्षक डॉ. अलका झा ने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है। विभाग के अध्यक्ष डॉ. यूसी झा की अध्यक्षता में गठित कमेटी में सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार, ऑर्थोपेडिक विभागाध्यक्ष डॉ. गोविंद माधव, निश्चेतना विभागाध्यक्ष डॉ. हरि दामोदर सिंह और गायनी विभागाध्यक्ष डॉ. पूजा महासेठ को शामिल किया गया है। कमेटी को तीन दिनों में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। गायनी विभागाध्यक्ष से भी मामले में रिपोर्ट मांगी गई है। मरीज के पति ने ऑपरेशन के बाद पत्नी के पेट में टेट्रा छोड़ देने का आरोप लगाते हुए कहा था कि इस वजह से उनकी हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती गई। उन्होंने पेट से टेट्रा निकाले जाने का एक वीडियो भी प्रसारित किया था। हालांकि ‘हिन्दुस्तान इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
इधर, मरीज का इलाज गायनी विभाग के आईसीयू में चल रहा है। मामला प्रकाश में आने के बाद इसका संज्ञान लेते हुए सोमवार को अधीक्षक की ओर से एंबुलेंस भेजकर इलाज के लिए महिला को डीएमसीएच लाया गया था।
मंगलवार को मरीज का अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन जांच कराई गई। इसके अलावा खून की भी कई जांच कराई गई। अधीक्षक डॉ. अलका झा ने बताया कि गत 15 अक्टूबर को प्रसूता को गायनी विभाग से डिस्चार्ज किया गया था। इसके बाद वह दोबारा यहां नहीं आई। यहां बुलाकर उनका इलाज कराया जा रहा है। कई तरह की जांच भी कराई गई। पहली प्राथमिकता है कि मरीज जल्द से जल्द स्वस्थ्य हो जाए। पेट में टेट्रा के आरोप को लेकर पूछने पर अधीक्षक ने कहा कि यह जांच का विषय है। इस सिलसिले में अभी कुछ बोलना जल्दबाजी होगी। जांच कमेटी गठित कर दी गई है।
बहरहाल जानकारों का मानना है कि जांच का दायरा गायनी विभाग तक ही सीमित रखने से कमेटी को निष्कर्ष तक पहुंचने में परेशानी हो सकती है। जांच का दायरा वहां तक बढ़ाना होगा जहां पेट से टेट्रा निकालने की बात कही जा रही है।
महिला के पति के अनुसार घर में ही पत्नी की ड्रेसिंग कराई जा रही थी। इस दौरान ड्रेसिंग कर रहे कंपाउंडर की नजर पेट से बाहर निकले टेट्रा के एक भाग पर नजर पड़ी थी। इसके बाद खींचकर उसे बाहर निकाला गया था। जानकारों का मानना है कि निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए संबंधित कंपाउंडर का बयान दर्ज करना भी मददगार साबित हो सकता है।
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