जेनरेटर बिल भुगतान मामले में शुरू हुई जांच
बेनीपुर में चार अस्पतालों और एक एएनएम कॉलेज के फर्जी जेनरेटर बिल भुगतान मामले की जांच की जाएगी। जांच टीम को बिजली आपूर्ति का ब्योरा लेने के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह...
बेनीपुर। चार अस्पताल एवं एक एएनएम कॉलेज के कथित फर्जी जेनरेटर बिल भुगतान के मामले को दूध का दूध और पानी का पानी किया जाएगा। इसमें थोड़ा समय लग सकता है। जांच टीम को कहा गया है कि बेनीपुर विद्युत विभाग से बिजली आपूर्ति का ब्योरा ले। सिविल सर्जन डॉ अरुण कुमार ने रविवार को ये बातें कहीं। उन्होंने कहा गत चार जनवरी को पहले बहेड़ा पीएचसी में जांच टीम पहुंचकर प्राइवेट से चल रही जेनरेटर के बिल भुगतान का कुंडली खंगाला है। एक के बाद एक अनुमंडलीय अस्पताल बेनीपुर महीनाम, रमौली एपीएचसी तथा एएनएम कॉलेज के मामले कि जांच करेगी। विभागीय सूत्रों के मुताबिक जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष सह डीएम राजीव रौशन के आदेश पर की सीएस ने जांच टीम को बहेड़ा पीएचसी भेजा। तीन सदस्य जांच दल में अलीनगर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ विमलेश प्रसाद, जिला के डॉ सत्यम कुमार मिश्रा, बिरौल पीएचसी के अकाउंटेंट संजय कुमार झा शामिल थे। जांच टीम के बहेड़ा पहुंचते ही स्वास्थ्य कर्मियों के बीच खलबली मच गई। सूत्रों के अनुसार जांच टीम ने जेनरेटर संचालन का लॉग बुक सहित अन्य कागजात बहेड़ा के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ अरुण कुमार चौधरी को उपलब्ध कराने को कहा। दो घंटे तक मामले की जांच कर वापस चलें गये।आवेदक नवादा के विनय कुमार झा ने कहा कि बेनीपुर एवं बहेड़ा पीएसएस से नियमित रूप से 22 से 24 घंटा बिजली मिलने के बाद उसी तिथि को 24 घंटा जेनरेटर कैसे चलाया गया ? उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग से तिथि बाइस बिजली आपूर्ति के आंकड़ा और जेनरेटर चलाने के लॉग बुक को मिलाने से फर्जीनामा उजागर हो जाएगा।
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