डीएम के आदेश के बावजूद नहीं हो रही फर्जी जेनरेटर बिल की जांच
बेनीपुर में चार अस्पतालों और एक एएनएम कॉलेज के जनरेटर बिल भुगतान में करोड़ों रुपए के गड़बड़ी की जांच का आदेश डीएम राजीव रौशन ने दिया था, लेकिन एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद जांच शुरू नहीं हो...
बेनीपुर। चार अस्पताल एवं एक एएनएम कॉलेज के जनरेटर बिल भुगतान में हुई कथित बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जांच डीएम राजीव रौशन के देने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ठंडे बस्ते में डाल दिया है। डीएम के आदेश के करीब एक माह से अधिक होने के बावजूद जांच कार्य शुरू नहीं किया गया है। जानकारी के मुताबिक नवादा के विनय कुमार झा ने अनुमंडल अस्पताल बेनीपुर, पीएचसी बहेड़ा, महिनाम एवं रमौली एपीएचसी सहित एएनएम कॉलेज बेनीपुर में प्राइवेट एजेंसी से जेनरेटर चलाए जा रहे। जनरेटर के बिल भुगतान में करोड़ों रुपए के गोलमाल करने का आरोप लगाकर आवेदन दिया है। आवेदक ने कहा है कि जेनरेटर संचालक पैसा और पैरवी के बदौलत जांच कार्य को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा पहले बेनीपुर एसडीएम को गत् 30 अक्टूबर 2024 को आवेदन दिया गया। जांच का आदेश अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक को दिया गया। एसडीएम द्वारा जांच का आदेश के 75 दिन होने के बावजूद ठंडा बस्ता में डाल दिया गया। जांच कार्य शुरू नहीं होने पर आवेदक गत् 28 अक्टूबर 2024 को सीएस को आवेदन दिया। 22 दिनों तक जांच की प्रतिक्षा के बाद कोई पहल नहीं होने पर डीएम को 18 नवंबर को आवेदन मिलने पर 20 नवंबर को जांच का आदेश डीएम ने दिया। सीएस ने जांच टीम गठित तो की लेकिन अब तक जांच शुरू नहीं हुई है। सिविल सर्जन डॉ अरुण कुमार ने जांच शुरू होने के संबंध में पूछने पर बताया कि जांच टीम के एक अधिकारी छुट्टी पर चले गये थे। इसीलिए जांच में विलंब हुआ। उन्होंने कहा कि तीन-चार दिनों में पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी।
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