बिना लाइसेंस के अवैध रूप से कई आरा मशीनों का हो रहा संचालन
घनश्यामपुर | संवाद सूत्र बेनीपुर वन प्रमंडल क्षेत्र में अवैध आरा मिलों का संचालन...
घनश्यामपुर | संवाद सूत्र
बेनीपुर वन प्रमंडल क्षेत्र में अवैध आरा मिलों का संचालन धड़ल्ले से जारी है। इन अवैध आरा मिलों के संचालकों से प्रतिमाह लाखों की उगाही की जा रही है। इससे सरकारी राजस्व का काफी नुकसान हो रहा है। जानकारी के मुताबिक बेनीपुर वन प्रमंडल क्षेत्र में मात्र 14 आरा मिलों को ही लाइसेंस निर्गत है। इनमें से घनश्यामपुर प्रखंड में मात्र दो आरा मिलों के पास वैध लाइसेंस है। सूत्रों की मानें तो सिर्फ बेनीपुर वन क्षेत्र में 150 से अधिक अवैध आरा मिलों का संचालन वर्षों से किया जा रहा है। घनश्यामपुर प्रखंड की पाली पंचायत में आठ, लगमा में चार, जयदेवपट्टी में एक, पड़री में दो, मसवासी में एक, नवटोला में एक, पुनहद में एक, बोरबां में चार, कोर्थु पूर्वी में एक, कोर्थु पश्चिमी में तीन, गनौन में एक, असमा में एक तथा बाऊर गांव में दो अवैध आरा मिलों का संचालन किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो सरकार ने कर्मकारों के निजी कार्य के लिए 18 इंच तक की चिराई मशीन को लाइसेंसमुक्त कर दिया है। सरकार की इसी सुविधा का अवैध आरा मिल संचालक अनुचित लाभ उठा रहे हैं। कहने के लिए तो निजी कार्य के लिए 18 ईंच की चिराई मशीन लगाई गयी है, पर कई आरा मिलों पर दर्जनों ट्रैक्टर हरे पेड़ों की अवैध कटाई कर प्रतिदिन चिराई की जा रही है। बिना लाइसेंस के आरा मिलों में ट्रॉली तथा बैंड शो लगाकर भारी-भरकम पेड़ों की भी चिराई जारी है। इन मिलों पर अब तक विभागीय शिकंजा नहीं कसा जा सका है। राज्य सरकार जहां एक ओर जल जीवन हरियाली योजना से हरित पट्टी बनाकर जल संकट दूर करने के प्रयास में जी-जान से जुटी है तो वहीं दूसरी ओर ये अवैध आरा मिल संचालक इस योजना की हवा निकालने में लगे हुए हैं। अगर यही सिलसिला कुछ और वर्षों तक चलता रहा तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। हैरानी की बात यह है कि बिहार विधानसभा में अवैध आरा मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का सरकार की ओर से स्पष्ट संकेत दिया गया, इसके बाद भी अवैध आरा मिल संचालकों के हौसले बुलंद हैं।
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