मिथिला विज्ञान व तकनीकी परिषद का होगा गठन
दरभंगा में मिथिला विज्ञान एवं तकनीकी परिषद का गठन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य विज्ञान शिक्षण में सुधार, वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना और अनुसंधान एवं नवाचार में रोजगार पैदा करना है। लनामिवि के प्रो....
दरभंगा। मिथिला में विज्ञान शिक्षण को उन्नत करने, आम लोगों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने, रोजगारपरक अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में मिथिला की गतिविधियों को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाने के उद्देश्य से मिथिला विज्ञान एवं तकनीकी परिषद का गठन किया जाएगा। यह जानकारी लनामिवि के पीजी रसायन के विभागाध्यक्ष तथा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम महिला प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो. प्रेम मोहन मिश्रा ने दी है। प्रो. मिश्रा ने इस अभियान में सहभागिता के लिए मिथिला के विद्वानों को आमंत्रित किया है। उन्होंने अपील की है कि आपकी स्वीकृति इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में मेरा उत्साहवर्धन करेगी। उन्होंने मिथिला के विद्वानों से निवेदन किया है कि वे अपने इस सामाजिक उन्नति के कार्य के इच्छुक अन्य परिचितों को भी इस अभियान में सम्मिलित करें। अभियान के पहले दिन ही दो दर्जन से अधिक विद्वानों ने इस संस्थान से जुड़ने की सहमति दी।
इनमें लनामिवि की पूर्व प्रतिकुलपति प्रो. डॉली सिन्हा, विश्व के दो प्रतिशत वैज्ञानिकों के सूची में शामिल एमएस विवि, बड़ौदा के भौतिकी के प्रोफेसर प्रो. प्रफुल्ल कुमार झा तथा जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली के जीव विज्ञान के सेवानिवृत्त प्रो. इन्दुशेखर ठाकुर, बीआर आंबेडकर बिहार विवि, मुजफ्फरपुर के रसायन विज्ञान के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. बीएन झा, एमआर एम एवं एमएलएसएम कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य प्रो. विद्यानाथ झा, पटना विवि के रसायन विज्ञान के प्राचार्य प्रो. श्यामदेव यादव, मिथिला विवि के पीजी गणित विभाग के डॉ. विपुल स्नेही, महिला प्रौद्योगिकी संस्थान के आशीष मिश्रा, आईआईटी, दिल्ली के अनुसंधानकर्ता धनंजय कुमार, सीएम साइंस कॉलेज के डॉ. विश्वदीपक त्रिपाठी, मीन्स के संस्थापक जितेंद्र कुमार मिश्रा, समाजसेवी मोद नाथ मिश्र, जन्तु विज्ञान के पूर्व प्राचार्य एम नेहाल आदि हैं।
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