उड़ान में बनाया रिकॉर्ड, कोहरे ने लगाया ब्रेक
दरभंगा एयरपोर्ट पर कोहरे के कारण विमानों का परिचालन बाधित हो गया है। यात्रियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दरभंगा एयरपोर्ट ने उड़ान योजना के तहत रिकॉर्ड यात्रियों की संख्या को पार किया...
दरभंगा। केंद्र सरकार की उड़ान योजना में यात्रियों की संख्या में रिकॉर्ड बनाने वाले दरभंगा एयरपोर्ट पर कोहरे ने विमानों के परिचालन पर ब्रेक लगा दिया है। खराब मौसम में उड़ानों को रद्द कर दिये जाने से यात्रियों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। दरभंगा एयरपोर्ट उड़ान योजना के तहत देशभर में सफलतम एयरपोर्ट में है। नवंबर 2020 में व्यावसायिक उड़ानें शुरू होने के बाद यात्रियों के आवागमन के मामले में दरभंगा एयरपोर्ट ने लगातार नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। एयरपोर्ट की शुरुआत होने के बाद से अभी तक 19 लाख से अधिक यात्री यहां से आवागमन कर चुके हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,53,281 यात्रियों ने यहां से यात्रा की थी। वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 526066 हो गई। वर्ष 2022-23 में जब सूबे के एयरपोर्ट घाटे में थे तो दरभंगा एयरपोर्ट को एक करोड़ का लाभ हुआ था। वर्ष 2023-24 के अक्टूबर तक एयरपोर्ट का लाभ बढ़कर आठ करोड़ तक पहुंच गया था। इसके बावजूद विपरीत मौसम में विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ सुनिश्चित करने के लिए इंस्ट्रुमेंटल लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) लगाने का काम पूरा नहीं होने पर यात्री सवाल करने लगे हैं। दरभंगा से नई दिल्ली तक विमान से अक्सर सफर करने वाले बेला मोहल्ले के मनोज कुमार ने बताया कि जाड़े के मौसम में वे दरभंगा एयरपोर्ट से यात्रा का रिस्क उठाने से परहेज करते हैं। मौसम थोड़ा भी खराब हो जाता है तो उड़ानों को रद्द कर दिया जाता है। इस वजह से पटना एयरपोर्ट जाना पड़ता है। आईएलएस इंस्टॉल किए जाने की खबर तो महीनों से सुन रहे हैं। इतना मुनाफा देने वाले एयरपोर्ट पर सुविधा की कमी समझ से परे है। पूर्णिया के आभाष कुमार ने बताया कि गर्मी के मौसम में परेशानी नहीं होती है। सर्दियों के मौसम में विमानों के रद्द किए जाने से काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।
पूर्णिया से परिवार के साथ चलकर फ्लाइट पकड़ने दरभंगा एयरपोर्ट पहुंचते हैं। यहां पहुंचने पर पता चलता है कि फ्लाइट कैंसिल है। समझा जा सकता है कि इसके बाद कितनी परेशानी झेलनी पड़ती है। एयरपोर्ट पर चाय और नाश्ता इतना महंगा है कि जेब हल्की हो जाती है। युद्धस्तर पर काम कर एयरपोर्ट पर आईएलएस इंस्टॉल करने का काम पूरा होना चाहिए ताकि फ्लाइट रद्द होने की नौबत ही नहीं आए।
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