डीएमसीएच इमरजेंसी विभाग की शिफ्टिंग तीसरी बार भी टली
दरभंगा के डीएमसीएच में इमरजेंसी विभाग को न्यू सर्जिकल बिल्डिंग में शिफ्ट करने की कोशिश को तीसरी बार विफलता का सामना करना पड़ा। निरीक्षण के दौरान कई कमियां पाई गईं, जिनका समाधान नहीं हुआ। अधीक्षक डॉ....
दरभंगा, नगर प्रतिनिधि। डीएमसीएच के न्यू सर्जिकल बिल्डिंग में इमरजेंसी विभाग को शिफ्ट करने को लेकर अस्पताल प्रशासन की ओर से की जा रही कवायद को बुधवार को तीसरी बार धक्का लगा। मरीजों के समुचित इलाज के लिए गिनाई गई कमियों को बीएमएसआईसीएल और निर्माण एजेंसी की ओर से निर्धारित की गई अवधि में दूर नहीं किया जा सका। मॉक ड्रिल के दौरान इलाज के लिए समुचित व्यवस्था की कमी देखते हुए अस्पताल प्रशासन को नए भवन में इमरजेंसी विभाग की शिफ्टिंग तीसरे बार टालनी पड़ी। अधीक्षक डॉ. अलका झा की ओर से पत्र लिखे जाने के बावजूद मॉक ड्रिल के दौरान कॉरपोरेशन के अधिकारी वहां नहीं पहुंचे। कई दिनों की मेहनत के बावजूद इमरजेंसी विभाग की शिफ्टिंग को अंजाम नहीं दे पाने को लेकर अधीक्षक वहां की व्यवस्था से काफी क्षुब्ध दिखीं।
न्यू सर्जिकल भवन में तैयारियों का जायजा लेने अधीक्षक कई विभागाध्यक्षों के साथ मॉक ड्रिल के लिए दोपहर करीब 12.30 बजे वहां पहुंची। निरीक्षण के दौरान पूर्व में गिनाएं गईं अधिकांश कमियां जस की तस पाई गईं। कमियां को दूर करने के लिए अधीक्षक से पूर्व में 15 दिनों की मोहलत मांगी गई थी। उन्हें दूर नहीं किए जाने पर अधीक्षक निराश भी हो गईं और उन्हें गुस्सा भी आया। क्षुब्ध होकर उन्होंने कहा कि सीओटी में न तो एसी काम कर रहा है और न ही औजारों को स्टेरलाइज करने की पूरी व्यवस्था हो सकी है। ऐसे में गंभीर मरीजों का इलाज कैसे होगा। ओटी कैसे चलेगा। फर्नीचर की भी अभी कमी है।
अधीक्षक ने बारी- बारी से वहां सभी यूनिटों का निरीक्षण किया। सीओटी में एसी काम नहीं कर रहा था। फर्नीचर की काफी कमी पाई गई। फायर डोर की अभी तक व्यवस्था नहीं की गई है। स्टेरलाइजेशन की व्यवस्था को लेकर ट्रेनर अधीक्षक को संतुष्ट नहीं कर पाए। कई ऐसी कमियां पाई गईं जिन्हें आश्वासन के बावजूद अभी तक दूर नहीं किया जा सका है। निरीक्षण के दौरान उपाधीक्षक डॉ. हरेंद्र कुमार व डॉ. सुरेंद्र कुमार के अलावा रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. संजय झा, निश्चेतना विभागाध्यक्ष डॉ. हरि दामोदर सिंह, सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार आदि भी मौजूद थे।
अधीक्षक डॉ. अलका झा ने निरीक्षण के दौरान कई कमियां पाई जाने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि पूर्व में ही सभी कमियां गिना दी गईं थीं। आश्वासन के बावजूद उन्हें अभी तक दूर नहीं किया जा सका है। उन्हें दूर किए बिना मरीजों को शिफ्ट करना संभव नहीं है। बता दें कि अस्पताल प्रशासन इमरजेंसी विभाग और आर्थोपेडिक एवं सर्जरी ओपीडी को न्यू सर्जिकल बिल्डिंग में शिफ्ट करने का लगातार प्रयास कर रहा है। अपनी ओर से जो सुविधाएं उपलब्ध करानी है, उसे पूरा कर दिया गया है। अधीक्षक स्वयं पिछले कई दिनों से स्वयं तैयारी में लगी हुईं थीं। कॉरपोरेशन और एजेंसी की शिथिलता की वजह से फिलहाल मरीज को आधुनिक सुविधाओं से वंचित रहना पड़ेगा। अब शिफ्टिंग को लेकर गेंद कॉरपोरेशन और एजेंसी के पाले में है।
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