विश्व में डंका बजा रहे डीएमसी के छात्र : डॉ. शाही
दरभंगा मेडिकल कॉलेज के शताब्दी वर्ष समारोह में पद्मश्री ले. कर्नल डॉ. बीएन शाही ने कहा कि कॉलेज के पूर्व छात्रों ने वैश्विक स्तर पर चिकित्सा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अमेरिका में आयोजित एक...
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दरभंगा। पद्मश्री ले. कर्नल डॉ. बीएन शाही ने कहा कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज से पढ़-लिखकर निकले छात्र पूरे विश्व में अपने हुनर का डंका बजा रहे हैं। अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में उन्हें उस वक्त आश्चर्य हुआ जब पांच दिवसीय कॉन्फ्रेंस में यहां से निकले दो सौ से अधिक चिकित्सक परिवार के साथ पहुंचे। अमेरिका जैसे देश में दरभंगा मेडिकल कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र मेडिकल सिस्टम में अभूतपूर्व योगदान कर रहे हैं। रविवार को दरभंगा मेडिकल कॉलेज के शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे डॉ. शाही ने कहा कि अमेरिका के अलावा कई देशों में दरभंगा मेडिकल कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र केवल बेहतर चिकित्सा ही प्रदान नहीं कर रहे हैं, बल्कि सोशल सर्विस में भी वे आगे हैं। गरीबों की सेवा करने के अलावा आपदा के वक्त वे पीड़ित मानवता की सेवा की मदद के लिए हमेशा आगे रहते हैं।
अपने भाषण के दौरान उन्होंने कॉलेज के जमाने की यादों को साझा करते हुए मौजूदा चिकित्सक और छात्रों को मैसेज दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व के शिक्षकों के डेडीकेशन और छात्रों में सीखने की उत्सुकता की वजह से दरभंगा मेडिकल कॉलेज ने पूरे देश में अपनी पहचान बनाई। बेहतर करने के लिए सीखने की उत्सुकता और समय की पाबंदी बेहद जरूरी है। लनामिवि व आर्यभट्ट ज्ञान विवि, पटना के पूर्व कुलपति डॉ. समरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सभी के योगदान से दरभंगा मेडिकल कॉलेज ने मेडिकल एजुकेशन में अपनी पहचान बनाई है। नए- नए रिसर्च और मरीजों के बेहतर इलाज से इसकी पहचान बनाए रखने में सभी की मेहनत जारी रहनी चाहिए।
बिहार यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के कुलपति डॉ. एसएन सिन्हा ने कहा कि आगे बढ़ने के लिए अनुशासन सबसे ज्यादा जरूरी है। अनुशासित होकर छात्र अपनी मेहनत दूर लगन से पूरे विश्व में कॉलेज जा नाम रौशन कर सकते हैं। यूनिसेफ की बिहार फील्ड इन चीफ मार्गेट गौडा ने संस्थान के सौ वर्ष पूरे होने पर बधाई दी। उन्होंने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों का विस्तार में उल्लेख किया। इस मौके पर पूर्ववर्ती छात्र एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. भरत प्रसाद, सचिव डॉ. रमन कुमार वर्मा, डीएमसीएच अधीक्षक डॉ. शीला कुमारी, डॉ. ओम प्रकाश आदि ने भी लोगों को संबोधित किया। मंच से कॉलेज की स्मारिका का विमोचन किया गया। स्वागत दरभंगा मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अलका झा ने किया। मंच संचालन डॉ. पूनम कुमारी व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुशील कुमार ने किया।
स्थापना में राज परिवार का योगदान
दरभंगा राज परिवार के कुमार कपिलेश्वर सिंह ने कहा कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज की स्थापना में उनके पुरखों का योगदान रहा है। उनके परिवार को हमेशा से पीड़ित मानवता की चिंता रही रही है। दरभंगा मेडिकल कॉलेज के अलावा कई स्वास्थ्य संस्थाओं के उत्थान में राज परिवार की अहम भूमिका रही है।
मोटापा हृदय रोग का बड़ा कारण : डॉ. गुप्ता
दरभंगा। शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. एके गुप्ता ने कहा कि समय रहते दवा लेने से किडनी की बीमारी के मरीजों को डायलिसिस नहीं करानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि दवा का ईजाद होने से किडनी रोगी को राहत मिलेगी। वे डीएमसी के शताब्दी वर्ष समारोह के वैज्ञानिक सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मोटापा हृदय रोग का सबसे बड़ा कारण है। लोगों को रोजाना 30 से 45 मिनट तक वॉक की जरूरत है।
डॉ. रमन कुमार वर्मा बने डीएमसीएच पूर्ववर्ती छात्र एसोसिएशन के अध्यक्ष
डॉ. रमन कुमार वर्मा को रविवार को दरभंगा मेडिकल कॉलेज पूर्ववर्ती छात्र एसोसिएशन का सर्वसम्मति से अध्यक्ष घोषित किया गया। वहीं, डॉ. सुशील कुमार को सचिव बनाया गया है। एसोसिएशन की बैठक में यह निर्णय लिया गया। पूर्व की तरह डॉ. दुर्रानी कोषाध्यक्ष का दायित्व निभाते रहेंगे। डॉ. गौरी शंकर झा को संयुक्त सचिव बनाया गया। कार्यकारिणी का चयन बाद में किया जाएगा।
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