पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के लिए वसूली जा रही दोगुनी राशि
केंद्र सरकार ने बीते साल मोटर वाहन अधिनियम में काफी बदलाव किया। लोग भारी-भड़कम जुर्माने की डर से ही सही, यातायात कानून को लेकर जागरूक हुए...
केंद्र सरकार ने बीते साल मोटर वाहन अधिनियम में काफी बदलाव किया। लोग भारी-भड़कम जुर्माने की डर से ही सही, यातायात कानून को लेकर जागरूक हुए हैं।
यही वजह है कि जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड तक में गाड़ियों के लिए बने प्रदूषण जांच केंद्र पर लंबी कतारें लगी रहती हैं। लेकिन बेनीपुर-दरभंगा मुख्य मार्ग मैं आशापुर मझैड़ा के बीच चल रहे प्रदूषण जांच केंद्र जैसे सेंटर वाहन मालिकों के मनोबल को तोड़ने के लिए काफी हैं।
मनीगाछी प्रखंड के माऊंबेहट निवासी दीपक कुमार गत 8 अगस्त को यहां अपने महिंद्रा स्कॉर्फियो वाहन का पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट बनवाने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने एक साल के लिए र्शिटफिकेट बनवाया। इसके एवज में उनसे 250 रुपए लिए गए, लेकिन पावती पर मात्र 120 रुपए की राशि अंकित थी। जब उन्होंने अधिक पैसे को लेकर शिकायत की तो काउंटर पर बैठे कर्मचारी ने कहा कि इससे कम नहीं बनता है। उसने यहां तक कहा कि एक साल का र्शिटफिकेट बनवाने के लिए इतना खर्च आता है। उसके 250 रुपए कटते हैं। बार-बार शिकायत करने के बावजूद कर्मचारी ने पैसे वापस नहीं किए।
इसको लेकर जब दरभंगा के डीटीओ रवि कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोई भी केंद्र तय कीमत से अधिक पैसे नहीं ले सकता है। सरकार हर र्शिटफिकेट पर सेंटर को तय कमीशन देती है। उन्होंने इसकी जांच कराने की बात कही।
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