मधुबनी के कोरोना मरीज का कई घंटों से पड़ा है शव
डीएमसीएच के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में मधुबनी जिले के मरीज की शुक्रवार की सुबह मौत हो गई। मृतक के परिजनों के नहीं आने की वजह से वृद्घ का शव सुबह से ही वार्ड में पड़ा...
डीएमसीएच के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में मधुबनी जिले के मरीज की शुक्रवार की सुबह मौत हो गई। मृतक के परिजनों के नहीं आने की वजह से वृद्घ का शव सुबह से ही वार्ड में पड़ा है।
बताया जाता है कि कोरोना प्रोटोकॉल के तहत शव को प्लास्टिक बैग में डालकर वार्ड में ही छोड़ दिया गया है। शव के वार्ड में पडे़ रहने से वहां इलाजरत मरीजों की बेचैनी बढ़ गई है। कई मरीजों ने अपने लोगों को फोन कर रोते हुए कहा कि किसी भी तरह वे उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज करा दें। वहीं दूसरी ओर सूचना दिये जाने के बाद भी शव को लेने परिजनों के नहीं पहुंचने से यह साबित होता जा रहा है कि इस गंभीर बीमारी ने अपनों को भी अपनों से दूर कर दिया
गया है। डीएमसीएच में स्थापना के कई दशकों बाद भी शव गृह का नहीं बनना स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता को साफ-साफ दर्शाता है। अस्पताल अधीक्षक डॉ़ राज रंजन प्रसाद ने करीब दो महीने पहले बीएमएसआईसीएल को पत्र लिखकर डीएमसीए में तत्काल अस्थायी शीतल शव गृह बनवाने का अनुरोध किया। कोरोना मरीजों के शवों को रखने में तमाम तरह की परेशानी आने के बावजूद इस दिशा में अभी तक बीएमएसआईसीएल की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा सका है। बीच में कॉलेज व अस्पताल प्रशासन के बीच चर्चा थी कि एक कमरे को चिन्हित कर उसमें एसी लगाकर उसे अस्थायी शव गृह में तत्काल परिवर्तित कर दिया जाएगा। हालांकि यह चर्चा तक रह गयी। कई मृतकों के परिजनों के सामने नहीं आने की वजह से कई मरीजों के शव दाह संस्कार के लिए 30-30 घंटे तक एंबुलेंस में ही पड़े रहे। किसी कमरे को चिन्हित कर उसे अस्थायी शव गृह में परिवर्तित करने की दिशा में कदम उठाया जाए तो शायद मृतकों की आत्मा को भी शांति मिल सकेगी।
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