संस्कृत विश्वविद्यालय में ठप रहा कामकाज
दरभंगा विश्वविद्यालय के शिक्षकेतर कर्मचारियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। कर्मचारियों का आरोप है कि पिछले चार वर्षों में उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया है। सोमवार से कार्य बहिष्कार करते हुए उन्होंने...
दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि में एक बार फिर शिक्षकेतर कर्मचारियों ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। संघ के साथ किये गये समझौते को अब तक लागू नहीं किये जाने से आक्रोशित कर्मियों ने सोमवार से कार्य बहिष्कार करते हुए घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन शुरू कर दिया है। इससे पूर्व फरवरी में भी दो दिनों तक कर्मचारियों ने आंदोलन किया था। विवि मुख्यालय के शिक्षकेतर कर्मचारी सोमवार की सुबह कार्यालय पहुंचे और उपस्थिति दर्ज करा मुख्य द्वार पर गोलबंद होकर धरने पर बैठ गए। इस दौरान कर्मचारी लगातार विवि प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते रहे। कुलपति व कुलसचिव मुख्यालय में उपस्थित नहीं थे। कर्मियों को आंदोलित देख प्रभारी कुलपति सह संकायाध्यक्ष प्रो. दिलीप कुमार झा, भूसंपदा पदाधिकारी डॉ. उमेश झा, बजट पदाधिकारी डॉ. पवन कुमार झा आदि ने वार्ता की पहल की, लेकिन कर्मचारी उनके आश्वासनों से आश्वस्त नहीं हुए।
संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार झा एवं सचिव सुनील कुमार सिंह ने बताया कि कर्मचारियों की मांगों को लेकर संघ विगत चार सालों से आंदोलन कर रहा है। हर बार कर्मियों का आंदोलन शुरू होने पर विवि प्रशासन टालमटोल की नीति अपनाता रहा है। हर बार वार्ता कर शीघ्र मांगों की पूर्ति का आश्वासन देकर विवि प्रशासन मौन हो जाता है। दो माह पूर्व भी 24 व 25 फरवरी को कर्मचारियों ने आंदोलन किया तो विवि प्रशासन की ओर से लगभग पांच घंटों तक वार्ता कर लिखित समझौता किया गया, लेकिन आंदोलन समाप्त होते ही समझौता को लागू करने की दिशा में अब तक कोई ठोस पहल सामने नहीं आयी।
उन्होंने बताया कि विवि प्रशासन से हुए समझौते में डीए की अंतर राशि के भुगतान मामले में तय हुआ था कि विवि को राज्य सरकार से वेतन की राशि प्राप्त होने पर वेतन भुगतान के बाद शेष राशि से डीए की अंतर राशि का भुगतान किया जाएगा। एसीपी-एमएसीपी की अवशेष धनराशि की गणना कर भुगतान करने पर सहमति बनी थी। सातवें पुनरीक्षित वेतन के एक अप्रैल 2017 से एक मार्च 2019 तक की अंतर राशि का भुगतान राज्य सरकार से वेतन भुगतान संबंधित पत्र प्राप्त होने पर कर दिए जाने की बात हुई थी। एक अप्रैल 2019 से 31 जनवरी 2020 तक की राशि के संबंध में समीक्षा कर भुगतान की प्रक्रिया अपनाने की बात कही गई थी।
वर्दी की आपूर्ति के संबंध में राशि की उपलब्धता के आधार पर निर्णय लेने पर सहमति बनी थी। अनुकंपा पर नियुक्ति के संबंध में कहा गया था कि इसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। कर्मियों की प्रोन्नति की मांग पर कहा गया था कि प्रक्रिया जारी है। वार्ता के क्रम में तय हुआ था कि तीन वर्षों से अधिक समय से कार्यरत कर्मियों का स्थानांतरण किया जाएगा। विवि के कंप्यूटर सेल को यथाशीघ्र चालू करने पर भी सहमति बनी थी, लेकिन ये सभी समझौते आज भी कागजों में ही दर्ज हैं।
कर्मचारियों ने कहा कि इस बार आश्वासन नहीं, ठोस परिणाम चाहिए, तभी आंदोलन समाप्त किया जाएगा। जब तक मांगों की पूर्ति नहीं होगी, कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। आंदोलन में अध्यक्ष व सचिव के साथ प्रवक्ता डॉ. रविन्द्र कुमार मिश्र, अभिमन्यु कुमार, सुशील कुमार झा, गोपाल उपाध्याय, रंजित कुमार ठाकुर, राजेश कुमार झा, कुन्दन कुमार भारद्वाज सहित विवि मुख्यालय के सभी कर्मचारी उपस्थित थे। कर्मचारियों के आंदोलन को विद्यापति सेवा संस्थान ने भी समर्थन दिया है।
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