खत्म हुआ इंतजार, 36 माह में हो जाएगा तैयार
दरभंगा में एम्स निर्माण का लोगों का लगभग नौ वर्षों का इंतजार अब खत्म होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 नवंबर को एम्स का शिलान्यास करेंगे। केंद्र सरकार ने 36 महीने में निर्माण पूरा करने का...
दरभंगा। दरभंगा में एम्स निर्माण शुरू होने का लोगों का करीब नौ वर्ष का इंतजार अब खत्म होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 13 नवंबर को शोभन- एकमी बाईपास सड़क किनारे बलिया मौजा में एम्स के शिलान्यास के बाद जल्द ही एम्स का निर्माण शुरू हो जाएगा। केंद्र सरकार ने 36 महीने में निर्माण पूरा करने की अवधि तय कर दी है। केंद्र की ओर से 23 सितंबर को निर्माण का जिम्मा एचएससीसी (इंडिया) कंपनी को दे दिया गया। दरभंगा में बिहार के दूसरे एम्स के निर्माण का प्रस्ताव तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2015-16 के आम बजट में रखा था। इस प्रस्ताव पर 28 फरवरी 2015 में मुहर लग गई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दरभंगा में ही एम्स निर्माण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई थी। उन्होंने डीएमसीएच को एम्स में अपग्रेड करने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि बाद में कई पहलुओं पर विचार करते हुए एम्स के बेहतर निर्माण के लिए राज्य सरकार ने शोभन के बलिया मौजे में केंद्र को 188 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई। केंद्रीय कमेटी की ओर से निरीक्षण में हरी झंडी मिलने के बाद शोभन में एम्स के निर्माण का रास्ता साफ हो गया। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने सात सितंबर को शोभन में जमीन का निरीक्षण किया था।
इसके बाद उन्होंने घोषणा की थी कि दो हजार करोड़ से अधिक राशि से शोभन में दरभंगा एम्स का निर्माण होगा। प्रस्ताव से शिलान्यास तक दरभंगा एम्स का सफर काफी लंबा रहा है। हालांकि अब तय हो चुका है कि शिलान्यास के बाद तय अवधि में निर्माण पूरा होने के बाद केवल मिथिली और सीमांचल ही नहीं, बल्कि नेपाल और बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों के करीब आठ करोड़ की आबादी के लिए सर्वोत्तम इलाज की व्यवस्था हो जाएगी।
राज्य की राजधानी नहीं होने पर भी दरभंगा को मिली एम्स की सौगात
दरभंगा में देश के 23वें एम्स का निर्माण अब जल्द पूरा होने की उम्मीद जग गयी है। इससे लोग फूले नहीं समा रहे हैं। एम्स का निर्माण पूरा होने के साथ ही दरभंगा भी देश के उन शहरों की कतार में खड़ा हो जायेगा जहां एम्स के माध्यम में उपचार की बेहतर सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इसके साथ ही दरभंगावासी इस बात पर भी इतरा रहे हैं कि राजधानी नहीं होने के बावजूद उन्हें एम्स की सौगात मिल रही है। एम्स निर्माण के साथ ही दरभंगा ऋषिकेश, जोधपुर, गोरखपुर, देवघर, भटिंडा, बिलासपुर, कल्याणी, मंगलागिरी, रायबरेली और राजकोट जैसे शहरों की सूची में शामिल हो जाएगा जहां राजधानी नहीं होने के बावजूद एम्स का निर्माण किया गया है। दरभंगा एम्स और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण पूरा होने के बाद पूरे इलाके में मेडिकल टूरिज्म को बूस्ट मिलेगा। रोजगार के नए अवसर सामने आयेंगे। दरभंगा मेडिकल हब में तब्दील हो जाएगा। मेडिकल शिक्षा को नया आयाम मिलेगा। इलाज के लिए मरीजों का दूसरे शहरों की ओर पलायन बंद हो जाएगा।
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