डीएमसीएच में एंटी रेबीज सीरम को मचा हाहाकार, गरीब बेहाल
डीएमसीएच में एंटी रेबीज सीरम की अनुपलब्धता के कारण कुत्ते और बंदरों के काटने से घायल मरीजों में हाहाकार मचा है। इस महीने 290 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचे हैं, जिनमें से 75 प्रतिशत को सीरम की...
डीएमसीएच में एंटी रेबीज सीरम उपलब्ध नहीं रहने के कारण कुत्ते, बंदर, सियार आदि के काटने से गंभीर जख्म लेकर आने वाले मरीजों के बीच हाहाकार मचा हुआ है। डीएमसीएच में केवल दरभंगा ही नहीं बल्कि समस्तीपुर, मधुबनी, बेगूसराय के अलावा सुपौल जिले तक के लोग आवारा जानवरों का शिकार होकर एंटी रेबीज सीरम लेने रोजाना पहुंचते हैं। इस महीने की बात की जाए तो अभी तक आवारा कुत्तों के अलावा बंदरों का शिकार होकर 290 मरीज इलाज के लिए पीएसएम विभाग पहुंच चुके हैं। इनमें से करीब 75 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं जिनके जख्म को देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें एंटी रेबीज सीरम लेने की सलाह दी। जो लोग सक्षम थे उन्होंने बाजार से सीरम खरीदकर अपना इलाज कराया। जो सक्षम नहीं थे उन्हें भगवान भरोसे वहां से लौटना पड़ा।एंटी रेबीज सीरम के समाप्त हुए करीब तीन सप्ताह का समय बीत चुका है। सीरम के लिए मचे हाहाकार के बावजूद डीएमसीएच प्रशासन इसे उपलब्ध कराने के लिए बीएमएसआईसीएल की ओर टकटकी लगाए बैठा है।
बुधवार को डीएमसीएच के पीएसएम विभाग कुत्ते और बंदरों का शिकार होकर दो दर्जन से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचे। इनमें से कई ऐसे मरीज शामिल थे जिनके जख्म को देखते हुए उन्हें सीरम लेने की सलाह दी गई। इन मरीजों को केवल एंटी रेबीज वैक्सीन लेकर लौटना पड़ा। एक युवक तो अपने चेहरे पर कुत्ते के काटने से गंभीर जख्म लेकर पहुंचे थे। वहीं एक महिला के पेट पर बंदर के काटने के गंभीर निशान पाए गए। इनके अलावा अन्य मरीजों को भी बैरंग लौटना पड़ा।
निजी दुकानदारों की चांदी: डीएमसीएच में एंटी रेबीज सीरम नहीं रहने से निजी दुकानदारों की चांदी है। रोजाना एक दर्जन से अधिक मरीज बाजार से सीरम खरीदकर अपना इलाज करा रहे हैं।बताया जाता है कि पांच एमएल के वायल के लिए मरीजों को 600 रुपए का भुगतान करना पड़ रहा है। गरीब मरीज पैसे के अभाव में सिरम लिए बिना ही लौट रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि कुत्ते, बंदर आदि के काटने गंभीर जख्म से पीड़ित मरीजों को रेबीज से बचाने के लिए एंटी रेबीज वैक्सीन से ज्यादा एंटी रेबीज सीरम कारगर होता है। जख्म पर सीरम इंजेक्ट किया जाता है। इसके लिए प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ की जरूरत पड़ती हैं।
एंटी रेबीज सीरम उपलब्ध कराने के लिए बीएमएसआईसीएल को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया है। रिमाइंडर भेजा जा रहा है।
-डॉ. सुरेंद्र कुमार, उपाधीक्षक
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