शरीर शोधन का सबसे बड़ा माध्यम है छठ
योग विशेषज्ञ डॉ. निर्भय शंकर भारद्वाज के अनुसार, छठ व्रत शरीर को शुद्ध करने और आंतरिक अनुशासन को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। इस व्रत के माध्यम से भक्त भगवान सूर्य की आराधना करते हैं, जिससे शरीर...
Newswrap हिन्दुस्तान, दरभंगाWed, 6 Nov 2024 12:16 AM
कमतौल। योग विशेषज्ञ डॉ. निर्भय शंकर भारद्वाज ने कहा कि भगवान सूर्य को शरीर का देवता माना जाता है। आंतरिक अनुशासन एवं स्वयं पर संयम के साथ शरीर शोधन का काम छठ व्रत के माध्यम से छठ व्रती करते हैं। लोक आस्था के साथ भगवान सूर्य के नाम का भय लोगों के मन में बैठा रहता है। इससे व्रती अपने क्रियाकलापों में शालीनता व शुचिता लाकर छठ महाव्रत को करते हैं। इससे सम्पूर्ण शरीर एवं मन में अद्भुत ऊर्जा का संचार होता है जो व्रती को तेजस्वी बनता है। शारीरिक व मानसिक तेजस्विता प्रदान करने वाला ऐसा कोई दूसरा व्रत संसार में नहीं है।
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