Hindi NewsBihar NewsDarbhanga NewsCelebration of Dr Ramdev Jha s Birth Anniversary at Darbhanga University

डॉ. रामदेव के साहित्य में यथार्थ जीवन की झलक

दरभंगा विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर मैथिली विभाग में प्रसिद्ध मैथिली साहित्यकार डॉ. रामदेव झा की जयंती मनाई गई। विभागाध्यक्ष डॉ. दमन कुमार झा ने उनके योगदान को अविस्मरणीय बताया। डॉ. रामदेव झा कथाकार,...

Newswrap हिन्दुस्तान, दरभंगाSat, 3 May 2025 10:40 PM
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डॉ. रामदेव के साहित्य में यथार्थ जीवन की झलक

दरभंगा। लनामिवि के स्नातकोत्तर मैथिली विभाग में मैथिली साहित्यकार डॉ. रामदेव झा की जयंती शनिवार को मनाई गई। अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. दमन कुमार झा ने कहा कि डॉ. रामदेव झा कथाकार, नाटककार, कवि, अनुसंधानकर्ता, बाल साहित्यकार तथा अनुवादक की भूमिका में सक्रिय रहे। मैथिली साहित्य को उनका योगदान अविस्मरणीय है। प्रो. झा ने बताया कि इनके रचनात्मक साहित्य में यथार्थ जीवन की झलक स्पष्ट दिखाई पडती है। उन्होंने अपनी अनुसंधानपरक दृष्टि से मैथिली साहित्य के कई साहित्यिक आयामों को नई दिशा दी। प्रो. अशोक कुमार मेहता ने कहा कि रामदेव झा का साहित्य विशाल है। उन्होंने साहित्य के सभी विषयों पर लिखा, लेकिन उनका कहानीकार का पक्ष सबसे अधिक सबल है।

उनका लेखन पांचवें और छठे दशक में शुरू हुआ। वे बहुभाषी थे और कई भाषाओं के अच्छे जानकार थे। उनमें शोध के प्रति विशेष रुचि थी। विभागीय शिक्षक डॉ. सुरेश पासवान ने कहा कि रामदेव झा मैथिली साहित्य के चर्चित कथाकार थे। उन्होंने बिना किसी खास धारा में रहे अपनी अलग और विशिष्ट पहचान बनायी। उनकी मैथिली कहानी एक खीरा तीन फांक हो या मनुसंतान, सभी में मिथिला के माटी की सुगंध, जनजीवन एवं लोक संस्कृति की छाप दृष्टिगत होती है। डॉ. सुनीता कुमारी ने कहा कि वे बहु विधावादी लेखक होने के साथ ग्रामीण रुचि के कहानीकार थे। कार्यक्रम में कई शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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