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नेपाल में बागमती नदी का बांध टूटा, सीतामढ़ी की ओर तेजी से बढ़ रहा पानी

  • नेपाल के करवाना और धर्मपुर में बागमती नदी का बांध टूटने से सीतामढ़ी के गौर की ओर बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। गौर में पानी बढ़ने से बरेंगिया रिंग बांध पर दबाव बढ़ेगा। जिससे इसके भी टूटने का खतरा है।

Pawan Kumar Sharma लाइव हिन्दुस्तान, सीतामढ़ीSat, 28 Sep 2024 10:48 PM
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नेपाल के करवना और धर्मपुर में बागमती नदी का बांध टूटने से सीतामढ़ी में के गौर की तरफ तेजी से बाढ़ का पानी फैल रहा है। गौर में पानी बढ़ने से बैरनगिया रिंग बांध पर दबाव बढ़ेगा। जिससे इसके भी टूटने का खतरा उत्पन्न हो गया है। फिलहाल बैरनगिया से बांध टूटने के स्थल के बीच पांच किलोमीटर का फासला है।

बैरगनिया क्षेत्र में भी बाढ़ की संभावना प्रबल हो गई है। इस बीच बैरगनिया के परसौनी पंचायत के समीप रिंग बांध से दो जगहों पर रिसाव हो रहा है। जिससे स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ गई है। सूचना मिलते ही बागमती प्रमंडल के एसडीओ मौके पर पहुंचे और तत्काल रिसाव को रोकने के प्रयास शुरू किए। बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मदद के लिए जुट गए। एसडाओ ने बताया कि प्रशासन की ओर से रिसाव को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि लोगों को बाढ़ के कहर से बचाया जा सके।

बांध टूटने से हो सकता है व्यापक नुकसान

यदि बैरगनिया रिंग बांध टूटता है, तो बाढ़ का पानी तेजी से बैरगनिया के ग्रामीण इलाकों से होता हुआ जमुआ की ओर बढ़ जाएगा। जिससे बड़ी संख्या में गांव और खेती बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों की सतर्कता से इस संभावित आपदा को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।

बिहार में गंडक और कोसी समेत अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ा

बिहार में वाल्मीकि नगर एवं बीरपुर बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ का संकट और अधिक गहरा जाने के साथ गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। बाढ़ के कारण प्रदेश के 13 जिलों की 1.41 लाख आबादी प्रभावित हुई है।

राज्य जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने बताया कि शनिवार दोपहर दो बजे तक कोसी नदी पर बने बीरपुर बैराज से कुल 5.31 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो पिछले 56 वर्षों में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि तटबंधों की सुरक्षा के लिए सभी सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं। पिछली बार इस बैराज से अधिकतम पानी 1968 में 7.88 लाख क्यूसेक छोड़ा गया था।

इसी तरह दो बजे तक गंडक नदी पर बने वाल्मीकि नगर बैराज से 4.49 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। पिछली बार इस बैराज से सबसे अधिक पानी वर्ष 2003 में 6.39 लाख क्यूसेक छोड़ा गया था। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "पिछले दो-तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद राज्य भर में कई नदियों-गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और महानंदा तथा गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण सीमावर्ती जिलों में कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान को छू रही हैं या उससे ऊपर बह रही हैं।"

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