एक साल पहले ही बना था, बिहार में बाढ़ में बह गई पुलिया, मुसीबत में फंसे कई गांवों के लोग
बाढ़ के पानी से जहां पुलिया बह गई, वहीं करीब पथ में 20 फुट लंबा कटाव हो गया। इससे बिदुरी, बरडिहां, अगरिया टोला, पटपर आदि गांवों के लोगों का आवागमन ठप हो गया। उनका प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया।
बिहार के भभुआ जिले के प्रखंड क्षेत्र में सोमवार व मंगलवार को हुई मूसलाधार बारिश से इलाके में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। प्रखंड के बिदुरी व बरडिहा गांव के बीच बनी पुलिया को मंगलवार को जहां बाढ़ का पानी अपने साथ बहा ले गया तो वहीं नदी व झलका पर जलस्तर बढ़ने से यूपी व बिहार से आने-जानेवाली यात्री बसें जहां-तहां दो दिनों तक खड़ी रहीं। यात्री जैसे-तैसे अपने गंतव्य स्थानों पर पहुंचे। बारिश के कारण बिदुरी व ताला के बीच सड़क पर पेड़ गिरने से आवागमन बाधित हो गया।
बाढ़ के पानी से जहां पुलिया बह गई, वहीं करीब पथ में 20 फुट लंबा कटाव हो गया। इससे बिदुरी, बरडिहां, अगरिया टोला, पटपर आदि गांवों के लोगों का आवागमन ठप हो गया। उनका प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया। बरडिहां के छेदी खरवार, महेन्द्र अगरिया, बिदुरी के कोमल यादव, वंशीधर सिंह ने बताया कि इस पुलिया के बने अभी एक वर्ष ही हुआ था कि बाढ़ में बह गई। अब हमलोगों को एक-दूसरे गांव या प्रखंड मुख्यालय अथवा जिला मुख्यालय जाने में काफी परेशानी होगी।
ग्रामीणों ने बताया कि वाहन तो पार हो नहीं सकता। अब पैदल ही कहीं जाना पड़ेगा। ग्रामीणों का गुस्सा संवेदक और इंजीनियर पर दिख रहा था। उनका कहना था कि पुलिया निर्माण के समय ही हमलोगों ने इसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़ा किया था। प्राक्कलन के अनुसार पुलिया निर्माण कराने का आग्रह करते रहे। लेकिन, उनकी किसी ने नहीं सुनी और एक साल पूरा होते ही पुलिया बह गई। अगर विभाग के अभियंता ने इस योजना की जांच की होती तो पुलिया का निर्माण गुणवत्तापूर्ण होता। लेकिन, उन्होंने जांच ही नहीं की।
यात्रियों को झेलनी पड़ी परेशानी
प्रखंड क्षेत्र में लगातार तीन दिनों तक हुई बारिश के कारण नदी व छलका का जलस्तर बढ़ गया, जिससे वाहन जहां-तहां फंसे रहे। कई यात्री बसें मंगलवार की शाम तक अधौरा नहीं लौटीं। बुधवार को कोई-कोई बस आई। आमजन भी बारिश के दौरान अपने घरों में दुबके रहे। आथन से अधौरा आने वाली श्री राम बस झोरगर नदी के पुल पर दो दिन खड़ी रही, तो सारोदाग से आने वाली बसें कोटमदाग छलका पर पानी के तेज बहाव से खड़ी रहीं। इससे यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी।
बस स्टॉफ को खाना तक नहीं मिला
पिपरा बड़ाप से आने वाले वाहन नाचन नदी पर खड़ी रही। चालक उपेंद्र पासवान व जितेन्द्र यादव ने बताया कि पुलिया के उपर लगभग तीन से चार फुट पानी चल रहा है। पानी की धार में काफी तेजी है। जबरन वाहन पार किया, तो बहने की आशंका बनी रहेगी। पानी का स्तर कम होने पर ही वाहन पार करेंगे। सोमवार व मंगलवार को वाराणासी जाने वाली सिंह बस भी सिकरी पुलिया पर खड़ी रही। चालक पप्पू सिंह ने बताया कि दो दिनों से बस खड़ी है। खाना भी नहीं मिला। पुलिया उंची होती तो पानी नहीं चढ़ता।
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