Hindi Newsबिहार न्यूज़cow milk ghee is better for naivedyam prasad said kishor kunal on mahavir mandir

गाय के दूध से बना घी ही बेहतर, महावीर मंदिर में नैवेद्यम प्रसाद पर क्या बोले आचार्य किशोर कुणाल

आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन गाय के दूध का शुद्ध घी दे रहा है और यह शुद्ध घी, सुधा डेयरी के मिक्स घी से सस्ता भी है। इतनी दूरी से आने के बावजूद नंदिनी घी की कीमत महज 590 रुपये प्रति किलो होती है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, पटनाWed, 25 Sep 2024 07:24 AM
share Share
Follow Us on

महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि महावीर मंदिर का मुख्य प्रसाद नैवेद्यम के लिए गाय के दूध से निर्मित घी ही सर्वोत्तम है, क्योंकि गाय के दूध से बने घी का स्वाद, शुद्धता और उसकी गुणवत्ता प्रामाणिक मानी जाती है। कर्नाटक मिल्क फेडरेशन सार्वजनिक या सहकारी क्षेत्र में देश की एकमात्र मान्य डेयरी है जो सिर्फ गाय के दूध से घी तैयार करती है, जबकि बिहार के सुधा डेयरी समेत अन्य डेयरियों में गाय और भैंस आदि का दूध मिलाकर घी व अन्य उत्पाद बनाए जाते हैं। मिलावटी दूध से तैयार घी में बने नैवेद्यम के स्वाद में अंतर आ सकता है। स्वाद में एकरूपता के लिए केवल कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से घी की खरीदारी की जाती है।

सुधा से सस्ता नंदिनी घी

आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन गाय के दूध का शुद्ध घी दे रहा है और यह शुद्ध घी, सुधा डेयरी के मिक्स घी से सस्ता भी है। इतनी दूरी से आने के बावजूद नंदिनी घी की कीमत महज 590 रुपये प्रति किलो होती है। जबकि सुधा घी की कीमत 640 रुपये किलो पड़ रहा है। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि नैवेद्यम के शुरुआती वर्षों में दूध उत्पादकों से दूध की छाली मंगाकर घी निकाला जाती थी।

लेकिन नैवेद्यम की बढ़ती मांग के कारण छाली की आपूर्ति कम हो गयी। त्योहारों व लग्न में छाली की आपूर्ति बाधित हो जाती थी। तब से सीधे घी की खरीद की जाने लगी। महावीर मन्दिर में अभी प्रत्येक महीने 15 हजार किलो प्रतिमाह घी (94 लाख रुपये) की खरीद की जा रही है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें