Hindi Newsबिहार न्यूज़Congress MP Tariq Anwar ask party to clarify political strategy over alliance and push for rejig in organisation

दिल्ली की हार से हिली कांग्रेस, एनसीपी से लौटे CWC मेंबर ने दी सबसे पहली नसीहत

  • 19 साल शरद पवार की एनसीपी में रहकर वापस कांग्रेस लौटे कटिहार के सांसद और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य तारिक अनवर ने दिल्ली चुनाव में पार्टी का खाता भी ना खुलने के बाद नसीहतों की झड़ी लगा दी है।

Ritesh Verma लाइव हिन्दुस्तान, पटनाMon, 10 Feb 2025 09:11 PM
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दिल्ली की हार से हिली कांग्रेस, एनसीपी से लौटे CWC मेंबर ने दी सबसे पहली नसीहत

दिल्ली के चुनाव में कांग्रेस का खाता एक बार फिर नहीं खुलने के बाद पार्टी की सबसे शक्तिशाली यूनिट कांग्रेस कार्यसमिति (कांग्रेस वर्किंग कमिटी) के सदस्य और कटिहार के लोकसभा सांसद तारिक अनवर ने पार्टी को नसीहतों की झड़ी लगा दी है। तारिक दिल्ली में हार के बाद सार्वजनिक रूप से पार्टी को सलाह देने वाले पहले बड़े नेता हैं। शरद पवार के साथ 1999 में कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) बनाने वालों में शामिल रहे तारिक 19 साल बाद 2018 में कांग्रेस में लौट आए थे। तारिक अनवर बिहार में कांग्रेस के बड़े नेताओं में शामिल हैं और 2024 के चुनाव में अपनी पारंपरिक लोकसभा सीट कटिहार से छठी बार जीते हैं।

सोमवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर तारिक अनवर के एक संक्षिप्त ट्वीट ने पार्टी में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा- “कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट करने की जरूरत है। उन्हें तय करना होगा कि वे गठबंधन की राजनीति करेंगे या अकेले चलेंगे। साथ ही, पार्टी के संगठन में मूलभूत परिवर्तन करना भी जरूरी हो गया है।”

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लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने इंडिया गठबंधन बनाया था लेकिन भाजपा और नरेंद्र मोदी की सरकार को वो हिला नहीं सके। लोकसभा चुनाव में मोदी की जीत के बाद से इंडिया गठबंधन में शामिल कई पार्टियां अलग-अलग राग अलाप रही हैं। बिहार में गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव तक ने कह दिया कि चुनाव भर के लिए गठबंधन था। दिल्ली में लोकसभा चुनाव साथ लड़ी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में गठबंधन नहीं किया। कांग्रेस के उम्मीदवारों को मिले वोट से कम अंतर से 13 सीटों पर अरविंद केजरीवाल के कैंडिडेट हार गए।

बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव है। राजद इस बार कांग्रेस को 30-35 सीटें देने के मूड में है जिसको लेकर कांग्रेस में गतिविधियां काफी बढ़ी हुई हैं। 2020 में कांग्रेस 70 सीटें लड़ी थी लेकिन 19 ही जीत पाई। तब कांग्रेस का हारने का स्ट्राइक रेट गठबंधन के बाकी दलों से दोगुना रहा था। लालू यादव और तेजस्वी यादव पर दबाव बनाए रखने के लिए राहुल गांधी 18 दिन में दो बार पटना का दौरा कर चुके हैं।

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ऐसे माहौल में तारिक अनवर का गठबंधन की राजनीति को लेकर कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति साफ करने कहना, एक बड़ी बात है। यह बताता है कि पार्टी के अंदर भी गठबंधन को लेकर आम राय नहीं है। पार्टी संगठन में फेरबदल की जरूरत बताकर तारिक अनवर ने कांग्रेस नेतृत्व को भी एक चिकोटी काटी है।

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