दिव्यांग बच्चों के लिए होगी विशेष प्रतियोगिताएं, विजेताओं को मिलेगा पुरस्कार
विश्व दिव्यांगता दिवस कल, सारण में भव्य आयोजन की तैयारी व्यांग बच्चों की प्रतिभाओं को न केवल मंच प्रदान करना है बल्कि समाज में उनके प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता को बढ़ावा देना भी है। यह आयोजन लक्ष्मी...
विश्व दिव्यांगता दिवस कल, सारण में भव्य आयोजन की तैयारी छपरा, हिंदुस्तान प्रतिनिधि। सारण जिला शिक्षा विभाग ने 3 दिसंबर को "विश्व दिव्यांगता दिवस" के अवसर पर जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दिव्यांग बच्चों की प्रतिभाओं को न केवल मंच प्रदान करना है बल्कि समाज में उनके प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता को बढ़ावा देना भी है। यह आयोजन लक्ष्मी नारायण ब्राह्मण स्कूल, छपरा में सुबह 9:00 बजे से प्रारंभ होगा और दिनभर विविध गतिविधियों से सजीव रहेगा। दिव्यांग बच्चों की प्रतिभा को मिलेगा मंच कार्यक्रम के तहत खेल-कूद, शैक्षिक-सह-सांस्कृतिक गतिविधियां, चित्रकला प्रतियोगिता और प्रदर्शनी जैसे कई आयोजन किए जाएंगे। खास बात यह है कि 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग के दिव्यांग बच्चों को उनकी क्षमता और आयु के अनुसार समूहों में बांटकर प्रतियोगिताओं का संचालन किया जाएगा।प्रतियोगिताओं में 100 मीटर दौड़, म्यूजिकल चेयर, जलेबी दौड़, सैकस दौड़, संगीत, और चित्रकला शामिल हैं। कौन सी प्रतियोगिता किसके लिए होगी 100 मीटर दौड़ मानसिक मंदित वर्ग के बालक व बालिकाओं के लिए होगी।म्यूजिकल चेयर और जलेबी दौड़ श्रवण बाधित बालिकाओं के लिए आयोजित की जाएगी।संगीत प्रतियोगिता दृष्टिबाधित बच्चों के लिए होगी।चित्रकला में अन्य दिव्यांगता वर्ग के बालक व बालिकाएं अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। प्रतिभाओं को मिलेगी पहचान समग्र शिक्षा कार्यालय के पदाधिकारी राजेश मांझी ने बताया कि जिला शिक्षा विभाग ने इस आयोजन के लिए निर्णायक मंडल का गठन कर लिया है, जिसमें प्रत्येक विधा के लिए विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी प्रतियोगिताएं न्यायोचित ढंग से आयोजित की जाएं और प्रत्येक प्रतिभागी को अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने का अवसर मिले। विजेताओं को प्रोत्साहन स्वरूप प्रमाणपत्र और अन्य पुरस्कार दिए जाएंगे। कस्तूरबा विद्यालयों की भागीदारी अनिवार्य जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के संचालकों और वार्डनों को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि वे अधिक से अधिक दिव्यांग बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करें। साथ ही, स्कूलों को इस आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। समाज में जागरूकता बढ़ाने की पहल इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों की क्षमताओं को प्रदर्शित करना और उनके प्रति समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना है। जिला शिक्षा विभाग का मानना है कि इस तरह के आयोजनों से दिव्यांग बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रेरित होंगे। सारण के सभी शिक्षा पदाधिकारियों, विद्यालय प्रबंधकों और शिक्षकों से अपील की गई है कि वे इस आयोजन को सफल बनाने में अपना सहयोग दें। विश्व दिव्यांगता दिवस पर इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल बच्चों की प्रतिभा का सम्मान किया जाएगा, बल्कि यह समाज को उनकी क्षमताओं को समझने और उनकी मदद करने के लिए भी प्रेरित करेगा। साथ लगाएं राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ ने दिव्यांगजनों की पेंशन राशि बढ़ाने की शुरू की पहल छपरा, हिंदुस्तान प्रतिनिधि। राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ, बिहार शाखा के महासचिव सह सारण जिले के शिक्षक अर्जुन कुमार सिंह ने बिहार सरकार को पत्र भेजकर दिव्यांगजनों को दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि की मांग की है। यह पत्र मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग को संबोधित है, जिसमें आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम 2016 के प्रावधानों का हवाला दिया गया है।पत्र में कहा गया है कि दिव्यांगजनों की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए उन्हें पर्याप्त आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए। वर्तमान में बिहार सरकार द्वारा दिव्यांगजनों को मात्र 400 रुपये प्रति माह की पेंशन दी जा रही है, जो कि उनके न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बेहद अपर्याप्त है। संघ ने मांग की है कि यह राशि बढ़ाकर कम से कम 2,500 रुपये प्रति माह की जाए ताकि दिव्यांगजन सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकें। आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम का हवाला महासचिव ने अपने पत्र में आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम, 2016 की धारा-24 के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार का यह दायित्व है कि वह दिव्यांगजनों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए उपयुक्त कदम उठाए। अधिनियम के अनुसार, दिव्यांगजनों के अधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन के लिए उन्हें पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है। मांग को लेकर विशेष अपील राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ ने यह भी बताया कि अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में दिव्यांगजनों को दी जाने वाली पेंशन राशि बेहद कम है। उदाहरण के तौर पर झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में यह राशि काफी अधिक है। इसलिए, बिहार सरकार को दिव्यांगजनों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। दिव्यांगजनों के लिए व्यापक जागरूकता अभियान की जरूरत अर्जुन कुमार सिंह ने सरकार से यह भी अपील की है कि दिव्यांगजनों के लिए रोजगार और शिक्षा के अवसरों में भी वृद्धि की जाए। उन्होंने कहा कि पेंशन में वृद्धि के साथ-साथ दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए अन्य योजनाओं को भी सुदृढ़ करना जरूरी है।राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ ने सरकार से शीघ्र कार्रवाई की उम्मीद जताई है ताकि दिव्यांगजनों का जीवन स्तर बेहतर हो सके और वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।
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