महिला उद्यमियों के स्वावलंबन का मेले में बज रहा डंका
पेज चार की लीड उत्पादों के स्टॉल 14 दिसंबर को होगा मेला का समापन सोनपुर। संवाद सूत्र एशिया प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले के स्टॉलों व प्रदर्शनियों से महिला उद्यमियों के हुनर का डंका बज रहा है।...
सोनपुर। संवाद सूत्र एशिया प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले के स्टॉलों व प्रदर्शनियों से महिला उद्यमियों के हुनर का डंका बज रहा है। ग्रामीण उत्पादों से महिला उद्यमियों की आमदनी बढाने का सोनपुर मेला सेतु बना है। महिला उद्यमियों के उत्पाद उनकी आमदनी बढाने का जरिया बन गये हैं। महिलाओं के उत्पाद की खरीदारी करने को खूब खरीदार जुट रहे हैं। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की उद्यमियों के हुनर का जलवा बखूबी दिख रहा है। विशेष रूप से लगाई गई आर्ट एंड क्राफ्ट प्रदर्शनी , ग्रामीण विकास विभाग के जिला ग्रामीण विकास अभिकरण की ओर से लगाई गई ग्रामश्री मंडप प्रदर्शनी, सहकारिता मंडप, महिला विकास निगम की ओर से आयोजित प्रदर्शनी में एक तरफ लोगों को साथ मिलकर कारोबार करने का संदेश मिल रहा है तो दूसरी ओर इस प्रदर्शनी में महिलाओं में उद्योग- धंधे कायम करने की बढ़ती ललक भी दिख रही है। कामकाजी महिलाओं के उत्साह को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि उनके जीवन में स्वावलंबन की राह खुल चुकी है। राज्य में उद्योग- धंधों का माहौल बना है। इन प्रदर्शनियों में खरीदारी के लिए दर्शकों व खरीदारों की भीड़ जुट रही है। ग्रामश्री मंडप में 50 से अधिक प्रदर्शनी ग्रामीण अंचलों से आने वाली महिला उद्यमी कितनी उत्साही और परिश्रमी हैं, इसका अंदाजा उनके उम्दा किस्म के उत्पादों को देखकर लगाया जा सकता है। आर्ट एण्ड क्राफ्ट मेले में ग्रामीण उत्पादों के लगभग 60, ग्रामश्री मंडप में 50 से अधिक प्रदर्शनी के अलावा सहकारिता मंडप, महिला विकास निगम आदि द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में दर्जनों स्वयं सहायता समूहों के स्टाल लगे हुए हैं। इनमें लगभग आधा से अधिक स्टॉल महिला उद्यमियों के हैं। वे समूह में जीने व स्वावलंबी बनने की कला का प्रदर्शन कर रही हैं। स्वयं सहायता समूहों के भा रहे उत्पाद राज्य के सारण, मुजफ्फरपुर, नालंदा, देवघर, समस्तीपुर, नवादा, मधुबनी, सीतामढ़ी, मोतिहारी, मधेपुरा, हाजीपुर, सुपौल और जमुई आदि जिले से आये स्वयं सहायता समूहों के चादर, कंबल, चाभी रिंग, बांसुरी, ऊनी गारमेंट्स, आम- लीची के जूस, खाजा, जूते, रेडिमेड और ऊनी गारमेंट, खिलौना, सतू, बेसन, मधुबनी पेंटिंग और बांस की बनी सिक्की, डलिया व अन्य कला कृतियों, मोती, गुलदस्ता, बैग, सीप बटन, ज्वेलरी, खाजा मिठाईं आदि उम्दा किस्म के उत्पादों के स्टाल लगाए गए हैं। मधुबनी पेंटिंग व बांस की कलाकृति की बिक्री पूरे देश में पेंटिंग का मिथक बन चुकी मधुबनी पेंटिंग पर विदेशी पर्यटक भी फिदा हैं। इन मंडपों में इन प्रदर्शनियों में बांस कला केन्द्र ने शिल्प के बेहतर नमूने पेश किए हैं। बांस से बने कई उत्पाद और देवी- देवताओं क की मूर्तियां दर्शकों को अपनी ओर आकृष्ट कर रही है। शिल्प की वस्तुओं की राज्य के बाहर भी भारी मांग है। स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना ने किस तरह गांवों में जीने व आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई है, वह इन मंडपों में झलक रही है। उनके उत्पाद दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं। इन उत्पादों की जमकर बिक्री भी हो रही है। सरकार यदि इन उद्यमियों को पर्याप्त आर्थिक सहायता करे तो वे भविष्य में और भी अच्छे उत्पाद दे सकते हैं। मेले को देखने के लिए उमड रही भीड़ मेले की रौनक अपने शबाब पर पहुंच गई है। मेले की सरकारी अवधि जैसे- जैसे अपने मुकाम की ओर आगे बढ़ रही है वैसे- वैसे इस मेले में मेलार्थियों की भीड़ बढ़ती जा रही है। सरकारी स्तर पर मेले के समापन में अब मात्र 09 दिन शेष बचे हुए हैं। बीते 13 नवंबर से शुरू व 32 दिनों तक चलने वाले इस मेले का सरकारी स्तर पर विधिवत समापन 14 दिसंबर को होना है। मेला शुरू होने के बाद से ही इस मेले में दर्शकों व खरीदारों की लगातार भीड़ बनी हुई है। कल्याणकारी सरकारी योजनाओं की मिल रही जानकारी हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेले में केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों की लगाई गई सरकारी प्रदर्शनियों में लोगों को कल्याणकारी योजनाओं के विषय में विस्तार से जानकारी दी जा रही है वही दूसरी ओर इस वर्ष मेले में उपयोगी समान भी बिक रहे। सैकड़ों छात्र- छात्राएं भी मेले में परिभ्रमण के लिए आ रहे सारण, सीवान, गोपालगंज, पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, नालंदा, जहानाबाद समेत राज्य के कई जिलों से बड़े वाहनों द्वारा मुख्यमंत्री बिहार दर्शन योजना के तहत सैकड़ों छात्र- छात्राएं भी मेले में परिभ्रमण के लिए आ रहे हैं। ज्यादा भीड़ मेले के ऊनी कपड़ों के बाजार, नखास, मीना बाजार, लकड़ी व लोहा बाजार में लग रही है। लोग ऊनी चादर, कंबल, दरियां व शॉल आदि की खरीदारी कर रहे हैं। खेल-तमाशे, जादू, झूले व खुले मैदान में जादू दिखाने वाले जमूरों की भी अच्छी कमाई हो रही है। रेल प्रदर्शनी, कृषि प्रदर्शनी आदि स्टालों व प्रदर्शनियों में भी दर्शकों की भारी भीड़ जुट रही है। चिड़ियां बाजार मार्ग में बहराइच, पटना, हाजीपुर, सीवान आदि जिले के विभिन्न हिस्सों से आए पापड़ी, खजूर आदि की दुकानें, मीना बाजार के अलावा टिकुली, सिन्दूर व महिला प्रसाधन की दुकानों पर भी महिलाओं की लगातार भीड़ बनी हुई है। काष्ठ निर्मित पलंग,चौकी,फर्निचरों, स्टील के बर्तनों, लोहे से निर्मित घरेलू उपयोग में आने वाली चीजों की दुकानों पर भी खरीदारों की संख्या अधिक है। मेलार्थी देर रात तक मेले का परिभ्रमण कर मेले का लुत्फ उठा रहे हैं।
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