युगपुरुष थे बाबू लगन देव सिंह: रेणु देवी
सोनपुर मेला साहेब के नाम से मशहूर बाबू लगन देव सिंह जैसे व्यक्तित्व व कृतित्व के धनी लोग सदैव अनुकरणीय होते हैं। उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर ही समाज को समृद्ध किया जा सकता है। यह बातें आज सोनपुर के...
सोनपुर। राजा साहेब के नाम से मशहूर बाबू लगन देव सिंह जैसे व्यक्तित्व व कृतित्व के धनी लोग सदैव अनुकरणीय होते हैं। उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर ही समाज को समृद्ध किया जा सकता है। यह बातें आज सोनपुर के बरबट्टा में बाबू लगन देव सिंह के घर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मंत्री रेणु देवी ने कही। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को बाबू लगन देव सिंह जैसे लोगों के विचारों से सीखने की जरूरत है। इससे पहले उन्होंने बाबू लगन देव सिंह के तैल चित्र पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर आयोजन समिति के प्रमुख वरीय अधिवक्ता तथा भाजपा नेता ओम कुमार सिंह ने स्मृति चिन्ह और साल देकर रेणु देवी का स्वागत किया। कुंवर दीप कुमार सिंह ,युवराज सिंह, राज सिंह, ऋतुराज सिंह समेत बाबू लगन देव सिंह के परिवार के सभी सदस्य उपस्थित थे। बाबू लगन देव सिंह जी ने सोनपुर के विकास के लिए बड़ा योगदान दिया। पूरे इलाके में दर्जनों गांव बसाये। भूमिहीनों को जमीन दिया। लगन देव बाबू इंदिरा गांधी के काफी करीबी थे। बिहार में उनका एक बड़ा कद था। सोनपुर मेले के उत्थान से लेकर सोनपुर में सरकारी कार्यालयों के निर्माण सोनपुर के विकास में उनका अहम योगदान था। आजीवन किंग मेकर की भूमिका में रहे पर कभी कोई राजनीतिक पद की लालसा नहीं थी। कई सारे लोगों को उन्होंने राजनीति में बड़ा पद दिलवा या पर खुद के लिए कुछ नहीं मांगा। स्व. लगन देव बाबू के पुत्र वरिष्ठ अधिवक्ता ओम कुमार सिंह, कुवर दीप कुमार सिंह ने पिता की परंपरा को आगे बढ़ाया लोगों के सुख-दुख के भागी बनते रहे हैं। कार्यक्रम में जितेन्द्र कुमार सिंह,मुकेश कुमार सिंह,गौतम सिंह,रमन कुमार, आशीष कुमार,छोटे बाबू समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। - सोनपुर मेला में 'रश्मिरथी' का मंचन 21 को छपरा, नगर प्रतिनिधि। हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में 21 नवम्बर को सांध्यकालीन सत्र में इप्टा, छपरा द्वारा जातीय विद्वेष और युद्ध की वीभिषिका के खिलाफ रामधारी सिंह 'दिनकर' की कालजयी रचना 'रश्मिरथी' नाटक की प्रस्तुति जिला प्रशासन सारण के सौजन्य से होगी। 'रश्मिरथी' का नाट्यांतरण, निर्देशन और रंग परिकल्पना डॉ अमित रंजन ने की है तो रंग संगीत कंचन बाला और टुन्नू तनहा ने तैयार किया है। नृत्य संयोजन आयुषी परासर और रुप सज्जा और सह निर्देशन रंजीत भोजपुरिया और सह निर्देशन प्रियंका कुमारी का है।नाटक में कथा नायक कर्ण की भूमिका मनोरंजन पाठक कर रहे हैं तो कृष्ण की भूमिका डॉ राकेश कुमार निभा रहे हैं। परशुराम की भूमिका में वरिष्ठ रंगकर्मी बिपिन बिहारी नज़र आएंगे तो वहीं कुंती की भूमिका में कंचन बाला दिखेंगी।
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