यातायात नियमों की जानकारी के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने पर बल
सोनपुर से नयागांव के बीच बीते दो माह में लगभग एक दर्जन लोगों की मौत सीन सोनपुर। संवाद सूत्र सोनपुर- छपरा एनएच अब मौत का पर्याय बनता जा रहा है। इन सड़कों का कायाकल्प क्या हुआ, इस मार्ग पर चलने वाले...
सोनपुर से नयागांव के बीच बीते दो माह में लगभग एक दर्जन लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के प्रति परिवहन विभाग और प्रशासन उदासीन सोनपुर। संवाद सूत्र सोनपुर- छपरा एनएच अब मौत का पर्याय बनता जा रहा है। इन सड़कों का कायाकल्प क्या हुआ, इस मार्ग पर चलने वाले वाहन बेलगाम हो गए। सड़क के किनारे गति सीमा का बोर्ड नहीं होने,वाहनों की गति अनियंत्रित रहने, शराब पी कर तथा नाबालिग बच्चों द्वारा लापरवाही से वाहन चलाने, टेम्पो ,जीप, बस तथा अन्य वाहनों में जोर-जोर से अश्लील गीत का कैसेट बजाने, सड़कों के दोनो किनारे के फ्लैंक में मिटटी नहीं भरे रहने के अलावा लोगों में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता का अभाव आदि कई महत्वपूर्ण कारण हैं जिसकी वजह से आये दिनों सड़क दुर्घटनाएं होती रहती है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के प्रति परिवहन विभाग और प्रशासन उदासीन है। उसके द्वारा कोई भी ऐसा सख्त व सार्थक कदम नहीं उठाया जा रहा है जिससे सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लग सके। सोनपुर-छपरा हाई वे पर बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक संगठनों ने चिंता प्रकट करते हुए प्रशासन से इसे रोकने के लिए कारगर कदम उठाने की मांग की है। लगातार हो रहे हादसों से सड़क पर लागों की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। यात्री हमेशा सहमें रहते हैं कि न जाने कब दुर्घटना हो जाए। पूर्व उप प्रमुख श्यामबाबू राय, राजकुमार राय, भाजपा नेता विनोद सम्राट, धनंजय सिंह, छोटेलाल सिंह, पूर्व मुखिया मुन्ना सिंह, समाज सेवी संजय कुमार ललन, लालबाबू राय, पंकज कुमार आदि ने दुर्घटना रोकने के लिए कानून में संशोधन कर सख्त सजा का प्रावधान करने की सरकार से मांग की है। मालूम हो कि इस सड़क मार्ग पर विशेष कर सोनपुर से नयागांव के बीच बीते दो माह में लगभग एक दर्जन लोगों की मौत हो गई जबकि दो दर्जन से अधिक लोग बुरी तरह जख्मी हो चुकें हैं। घायलों का इलाज यहां के अनुमंडल अस्पताल,हाजीपुर के सदर अस्पताल एवं पटना के पीएमसीएच में किया गया। सड़क दुर्घटनाओं में मरने अथवा जख्मी होने वाले लोगों के परिजनों पर संकटों का पहाड़ टूट पड़ता है। सड़क दुर्घटनाओं के शिकार इनमें से कई जख्मी ऐसे हैं जो लाखों रूपए खर्च करने एवं महीनों अस्पताल में पड़े रहने के बाद भी अब तक स्वस्थ्य नहीं हो सके। चालक की थोड़ी सी लापरवाही के कारण किसी की पूरी जिन्दगी और घर बर्बाद हो जाता है।
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