रिकॉर्ड रखने के लिए आर्द्र भूमि का होगा सर्वे
सारण के आर्द्र भूमि वाले चंवरों का सर्वेक्षण किया जाएगा। वन प्रमंडल के अधिकारियों और कर्मियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया जिसमें 4500 आर्द्रभूमियों का भू-सत्यापन किया जाएगा। यह प्रशिक्षण बिहार...
सर्वे के लिए पांच वन प्रमंडल के अफसर व कर्मियों को किया गया प्रशिक्षित छपरा, एक संवाददाता। सारण के आर्द्र भूमि वाले चंवरों का रिकॉर्ड रखा जाएगा। जिन जगहों का सर्वे नहीं हुआ है अब उसका सर्वे कर रिकॉर्ड रखा जाएगा। इसको लेकर वन प्रमंडल पदाधिकारी की सभा कक्ष में पांच जिलों के वन विभाग के अफसर और कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया। सारण समेत पूरे देश में अवस्थित आर्द्रभूमियों के भू-सत्यापन किया जाना है। इसी परिप्रेक्ष्य में बिहार राज्य में अवस्थित 4500 आर्द्रभूमियों को (2.5 हे०) का भू-सत्यापन किया जाना है। सारण वन प्रमंडल छपरा के कार्यालय में विकसित मोबाईल एप एआरसी जीआईएस सर्वे 123 पर एक दिवसीय प्रशिक्षण आर्द्रभूमि विशेषज्ञ डॉ सरोजा कुमार बारीक व जीआइएस एनालिस्ट डॉ जय कुमार के द्वारा दिया गया है। उक्त प्रशिक्षण में सारण वन प्रमंडल, वैशाली वन प्रमंडल, मोतिहारी वन प्रमंडल व गोपालगंज वन प्रमंडल के वनों के क्षेत्र पदाधिकारियों, वनपालो व वनरक्षियों ने भाग लिया। साथ ही साथ प्रशिक्षण में सारण वन प्रमंडल पदाधिकारी आलोक कुमार व अन्य मौजूद थे। प्रशिक्षण के बाद सभी वनकर्मी को छपरा जिलान्तर्गत मांझी प्रखण्ड स्थित दाह पुरैना आर्द्र भूमि में विकसित मोबाईल एप से संबंधित भू-सत्यापन व टैगिंग करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण बिहार राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरण बिहार पटना के सदस्य सचिव एस चंद्रशेखर के मार्गदर्शन में दिया गया।
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