दस रुपये में नाव की सवारी पड़ी भारी, ज्यादा क्षमता से पलटी नाव
तरैया में शुक्रवार को छठ पर्व के दौरान नाव पलटने से दो युवकों की मौत हो गई। नाव पर क्षमता से अधिक लोग सवार थे, जिससे यह हादसा हुआ। स्थानीय लोगों ने नाविक की पिटाई की और मुआवजे की मांग की। घटना से छठ...
तरैया,एक संवाददाता। महज दस रुपये में नाव की सवारी के जरिये नौका विहार करना दो युवकों के लिए शुक्रवार को भारी पड़ गया। क्षमता से अधिक लोगों के नाव पर सवार होने से छोटी नाव पानी में ही बिल्कुल बैठ सी गयी और दो युवकों की जान चली गयी। स्थानीय लोगों का कहना है कि छठपर्व के अवसर पर पोखरा में लोहे की बनी नाव पर दस-दस रुपये प्रत्येक व्यक्ति से लेकर नाविक सैर कराता था। शुक्रवार को जैसे ही नाव चली कि नाव कुछ दूरी पर जाकर डूब गयी। नाविक की लोगों ने की पिटाई नाव पलटने की घटना के बाद उक्त नाविक की कुछ आक्रोशित लोगों ने जमकर धुनाई की। उक्त नाविक ने कहा कि नाव में क्षमता से अधिक लोगों के बैठने के कारण नाव डूबी है। स्थानीय लोग उसकी पिटाई के वक्त बार बार यही कह रहे थे कि क्षमता ज्यादा की नहीं थी तो लोगों को मना क्यों नहीं किया। पैसे के लालच में सभी को बैठा कर दो युवकों की नाहक में जान ले ली। इस बीच नाविक किसी तरह जान बचाकर भागा। जनप्रतिनिधियों ने दस-दस लाख रुपये की मुआवजा मांगी घटना की सूचना पाकर स्थानीय विधायक जनक सिंह, सारण विकास मंच के संयोजक शैलेन्द्र प्रताप सिंह, पूर्व विधायक मुद्रिका प्रसाद राय, प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि धनबीर कुमार सिंह बिकु,राजद जिला उपाध्यक्ष विजय कुमार यादव,पूर्व प्रमुख मनोज सिंह,प्रखंड व्यापार मंडल अध्यक्ष ललन प्रसाद यादव,मुखिया प्रतिनिधि हरेंद्र सहनी,बीडीसी प्रमिला देवी,पूर्व बीडीसी मनोज राय ने मृतक के परिजनों को दस दस लाख रुपये की सहायता देने की मांग सरकार से की। घटना की सूचना पाकर इंस्पेक्टर अशोक सिंह,थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार सिंह,सीओ सुमंत कुमार,बीडीओ विभु विवेक पहुंचे और मामले की छानबीन कर रहे हैं। दो घण्टे तक यातायात बाधित होने से व्रती व लोग परेशान तरैया, एक संवाददाता। थाना क्षेत्र के पचभिंडा में नाव पलटने से से दो युवकों की मौत के बाद एंबुलेंस नहीं मिलने से नाराज लोगों द्वारा दो घण्टे तक रोड जाम से व्रती व लोग परेशान रहे। आक्रोशित ग्रामीणों का कहना था कि स्थानीय प्रशासन द्वारा शव के पोस्टमार्टम के लिए कोई गाड़ी उपलब्ध नहीं करायी गयी। वहीं रेफरल अस्पताल द्वारा छपरा सदर अस्पताल में शव को ले जाने के लिए एबुलेंस नहीं दी गयी। करीब दो घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही। घटना की सूचना पाकर स्थानीय थाना पुलिस बल व इंस्पेक्टर अशोक सिंह और जनप्रतिनिधियों ने लोगों को समझा बुझाकर कर जाम हटवाया। शव के पोस्टमार्टम के लिए एंबुलेंस मंगवायी गयी तब जाकर लगभग दो घंटे के बाद आवागमन शुरू हुआ। बाल-बाल बचे चालक व उप चालक पचभिंडा पोखरा में डूबे युवक को उपचार के लिए रेफरल अस्पताल में विधायक जनक सिंह द्वारा अपनी गाड़ी से लाकर लोगों को भर्ती कराने के दौरान उनसे अभद्र व्यवहार किया गया। ड्यूटी में कार्यरत चिकित्सक के रूप में सीएचओ आरिफ वकार ने युवक सूरज कुमार को मृत घोषित कर दिया। इस बीच शव ले जाने के लिए लोग एंबुलेंस मांगने लगे। एंबुलेंस चालक ने समझाया कि मरीज ढोने के लिए एंबुलेंस है तो आक्रोशित ग्रामीणों ने उक्त एंबुलेंस पर पथराव शुरू कर दिया। एंबुलेंस का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया। चालक व उप चालक बाल-बाल बचे। इधर विधायक जनक सिंह ने बताया कि मानवता के नाते पोखरा में डूबे युवक को अपनी गाड़ी से लाकर अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सक ने मृत घोषित किया । उक्त दुखद घड़ी में लोगों से बातचीत हो रही थी कि कुछ लोगो ने आकर हंगामा कर दिया। उकसावे पर असामाजिक तत्वों ने की अभद्रता तरैया। विधायक जनक सिंह ने कहा कि मेरे अंगरक्षक व चालक दोनों छठ करते हैं। मैं अकेले ही घर पर था कि सूचना मिली। मैं मानवता के नाते घटना स्थल पर पहुंचा और परिजनों से मुलाकात की। उस दौरान विधायक ने कुछ नहीं किया है - यह कहते हुए कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा लोगों को उकसा दिया गया। जबकि मेरी ही अनुशंसा पर लघु जल संसाधन विभाग के द्वारा उक्त पोखरे की उड़ाही व मुख्य मंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत छठ घाट का निर्माण करवाया गया है। फिर भी झूठी अफवाह फैला कर कुछ आक्रोशितों द्वारा व नारेबाजी की घटना की गई। घटना की स्थानीय ग्रामीणों ने भी कड़ी निंदा की है। सरकारी छठ घाट है पचभिंडा फिर भी नहीं थे कोई मजिस्ट्रेट तरैया। पचभिंडा का घटना स्थल सरकारी छठ घाट है फिर भी वहां कोई मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी नहीं थे जबकि छठ घाटों पर मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारी तैनात करने के निर्देश थे। उक्त छठ घाट पर गुरुवार को संध्या अर्घ्य के समय भी एक नाविक द्वारा रुपए लेकर युवकों को नौका विहार कराया जा रहा था जिसकी पुनरावृत्ति पुनः सुबह की जा रही थी। अगर यहां कोई अधिकारी रहते तो शायद इस नौका विहार पर रोक लग जाती तो यह घटना नहीं घटती। चौकीदार ने किया था विरोध स्थानीय चौकीदार द्वारा छोटी नाव पर अधिक संख्या में युवकों के चढ़ने का विरोध किया जा रहा था लेकिन उसकी कोई नहीं सुन रहा था। आखिरकार देखते ही देखते नाव पलट गई और दो लोग काल के गाल में समा गए। अब बुढ़िया माई के के पूछी हो बबुआ तरैया, एक संवाददाता। अब बुढ़िया माई के के पूछी हो बबुआ। उक्त विलाप पुत्र बिट्टू के शव से लिपटकर माता उर्मिला कुंवर कर रही थीं। माता-पिता के एकलौते पुत्र 18 वर्षीय बिटटू कुमार सिंह था। वह दिल्ली में एक निजी कंपनी में मजदूरी कर अपनी माता का भरण पोषण किया करता था। पिता का वर्षों पहले निधन हो गया है। उसके बाद से पढ़ाई छोड़कर दिल्ली में मजदूरी कर घर परिवार चलाता था। बिटटू छठपर्व में अपने घर आया था। शुक्रवार की सुबह छठ घाट स्थित पोखरा में नाव पर भ्रमण करने निकला था। घटना से माता व चाचा अवधेश सिंह का रो- रोकर बुरा हाल है। हे छठी मईया हमारा लाल के लौटा दी पोखरा में डूब कर मरे युवक सूरज की माता मीरा देवी छठ घाट पर रो-रोकर कह रही थीं- हे छठी मईया हमारा लाल के लौटा दीही । पोखरा में डूबकर नाव से दबे सूरज मांझी का शव मल्लाहों ने दो घंटे के बाद निकाला। शव निकलते ही परिजनो में कोहराम मच गया है। युवक तीन भाइयों में मंझला था। वह मजदूरी कर स्नातक में पढ़ रहा था। घटना से छठ पर्व की खुशी मातम में तब्दील हो गयी है।
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