नहीं थम रहा कौवों के मरने का सिलसिला
छपरा। हिंदुस्तान टीम
नहीं थम रहा कौवों के मरने का सिलसिला
छपरा। हिंदुस्तान टीम
जिले के गड़खा व भेल्दी में कौवों के मरने का सिलसिला नहीं थम रहा है। अमनौर प्रखण्ड के मदारपुर पंचायत के चैनपुर देवीस्थान के समीप लोग बैठे थे तभी शनिवार को करीब 10 बजे आसमान से एक कौवा गिरा और तड़पने लगा। कौवा के गिरते ही लोग इधर-उधर भागने लगे। कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से लोग तड़प रहे कौवें को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। करीब आधे घंटे तक तड़पने के बाद उसकी मौत हो गई। कौवा के आसमान से नीचे गिरते ही करीब सैकड़ों कौवों का झूंड देवीस्थान स्थित नीम के पेड़ पर बैठ कोलाहल मचाने लगे। कौवा की मौत के बाद चैनपुर, बांसडीह, मदारपुर के लोग दहशतजदा हैं। उधर, गड़खा में शनिवार को फिर एक कौवा मृत पाया गया। इससे यहां के लोगों में दहशत लगातार बढ़ता जा रहा है। कसीना स्थित गोपीदास के मठिया पर शुकवार की सुबह एक कौवा जमीन पर गिर कर छटपटा रहा था और कुछ देर वह मर गया। कौवे के मरने की खबर पूरे गांव में फैल गई और लोग घबरा गए। पिछले दस दिनों के भीतर बनवारी बसंत, गड़खा, मीठेपुर में कई मृत कौवे पाए जा चुके हैं। इससे लोगों में दहशत व्याप्त है। लोग बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए सहमे हुए हैं। फिलहाल लोग खुद को कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर एहतियात बरत रहे हैं, लेकिन कौवों की हो रही मौत से उनमें दहशत देखा जाने लगा है। उनमें बर्ड फ्लू की आशंका घर कर गई है। हालांकि गड़खा में मृत पाए गए इन कौवों की मौत बर्ड फ्लू के संक्रमण के कारण ही हुई है या फिर अन्य कारणों से इसका सही पता अभी तक नहीं चल सका है। बताते चलें कि कुछ ही दिनों पहले जिले के मांझी उत्तर टोले में एक और दुर्गापुर गांव में तीन मरे कौवे मिले थे। इसके अलावा एक महीने के भीतर प्रदेश के अलग-अलग कई अन्य जिलों में भी कौवे, कबूतर और अन्य पशु-पक्षियों के मरने की जानकरी मिल चुकी है।
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