Hindi Newsबिहार न्यूज़छपराThe handicap of education mafia four years old tried to employ fake orders

शिक्षा माफियाओं की करतूत : चार साल पुराने फर्जी आदेश पर किया नियोजन का प्रयास

बनियापुर में शिक्षक का नियोजन पत्र वितरण करने वाला रैकेट सक्रिय छुपा रखी है। यह नियुक्ति पत्र कहां से आया और किसने दिया, इसकी जानकारी भी अबतक स्पष्ट नहीं हो पा रही है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, छपराFri, 2 April 2021 08:00 PM
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बनियापुर में शिक्षक का नियोजन पत्र वितरण करने वाला रैकेट सक्रिय

शिक्षा विभाग में चर्चा का बाजार गर्म, अफसरों ने कहा - प्रथम दृष्टया फर्जी

छपरा/बनियापुर । हिप्र/एप्र

जिले में शिक्षा माफिया एक बार फिर सक्रिय हो गये हैं। चार साल पहले के फर्जी नियोजन पत्र के आधार पर विद्यालय में शिक्षक नियोजन का प्रयास कर रहे हैं। खासकर बनियापुर व मांझी प्रखंड में इनकी सक्रियता ज्यादा है। एक सप्ताह पूर्व शिक्षक बनाने के नाम पर लगभग बीस युवाओं को ठगी का शिकार बनाया गया है। कार्य इतने गुप्त तरीके से निपटाए गए हैं कि इसकी भनक तक किसी अधिकारी को नहीं लगी है। पूरे मामले में माफियाओं ने भी अपनी पहचान छुपा रखी है। यह नियुक्ति पत्र कहां से आया और किसने दिया, इसकी जानकारी भी अबतक स्पष्ट नहीं हो पा रही है। इधर, नियुक्ति पत्र फर्जी होने की जानकारी पर आवेदक भी गायब हो गए हैं। शिक्षक बनने का सपना देखने वाले ठगी के शिकार इन युवाओं की संख्या का सही-सही आकलन नहीं हो पा रहा है। इनकी संख्या बीस से ज्यादा या कम भी हो सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीते 25 मार्च को अपीलीय प्राधिकार की वाद संख्या 05/2013 का हवाला देते हुए नियोजन पत्र लेकर प्रखण्ड के विभिन्न विद्यालयों ने अभ्यर्थी नियोजन के लिए पहुंचे थे। नियोजन पत्र पर निर्गत तिथि 15 मार्च 2017 को देख किसी भी विद्यालय के एचएम ने आवेदक को योगदान नहीं कराया। आवेदकों को दूसरे दिन बुलाया गया था। इस बीच नियोजन पत्र की सत्यता के लिए एचएम एक-दूसरे से पूछताछ करने लगे। इसके बाद फर्जी नियोजन पत्र जारी होने की बातों का खुलासा हुआ।

चार साल बाद योगदान को लेकर बढ़ा संशय

जिस आदेश पत्र पर शिक्षक अभ्यर्थी योगदान करने आये थे, वह वर्ष 2017 में जारी किया गया है। आदेश पत्र में स्पष्ट लिखा गया है कि पत्र प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर योगदान करना सुनिश्चित करें। दूसरी सबसे अहम बात यह है कि किसी भी पंचायत में शिक्षक नियोजन के लिये पंचायत नियोजन ईकाई ही जिम्मेवार होता है जबकि प्रखण्ड नियोजन इकाई के लिए बीडीओ। आदेश पत्र बीडीओ के कार्यालय से जारी किया गया है। हस्ताक्षर भी तत्कालीन बीडीओ का बनाया गया है। यह पत्र पंचायत नियोजन इकाई को छोड़ सीधे विद्यालय के एचएम को आवेदकों द्वारा उपलब्ध कराया गया है। पत्र में आवेदक का पता भी नहीं लिखा गया है ताकि मामले के खुलासे के बाद किसी आवेदक तक सीधे पहुंचा जा सके। जारी आदेश पर प्रतिलिपि को सभी सम्बन्धित अधिकारी के साथ साथ विद्यालय के एचएम को भी प्रेषित करने की बात कही गई है लेकिन किसी को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई है।

लाखों रुपये की उगाही की चर्चा

नियोजन के लिए आदेश पत्र जारी होने को लेकर शिक्षा विभाग में कई तरह की चर्चा शुरू है। सूत्रों की माने तो रैकेट के सदस्यों ने सीधे सादे युवाओं को सब्जबाग दिखा मोटी रकम की उगाही की है। नियोजन के बाद मामले के खुलासे के अन्देशा को लेकर भी फर्जीवाड़ा करने वालों द्वारा काफी एहतियात बरता गया है। मामले में बनियापुर के ही एक सदस्य की संलिप्ता का अंदेशा जताया जा रहा है। एक साथ कई विद्यालयों में नियोजन कराने आये अभ्यर्थियों की चर्चा भी जोरों पर है।

कोट

नियोजन से सम्बंधित कोई भी जानकारी उन्हें प्राप्त नहीं है। अपीलीय प्राधिकार की निर्गत कॉपी फर्जी प्रतीत होता है। कोई भी एचएम किसी भी अभ्यर्थी का योगदान कराने के पूर्व सभी साक्ष्य को कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे। जांचोपरांत ही नियोजन कराना सुनिश्चित करेंगे। मामले की जांच की जाएगी। फर्जीवाड़े करने वालों के विरुद्ध अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।

सुदामा प्रसाद सिंह

बीडीओ, बनियापुर

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