सारण एकेडमी में 2.25 करोड़ की लागत से बनेगा जी प्लस टू भवन
सारण एकेडमी का स्वरूप बदलने वाला है। बिहार राज्य शैक्षिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के सहयोग से जी प्लस टू भवन का निर्माण होगा। इसमें 18 कमरे होंगे और निर्माण पर 2.25 करोड़ रुपये से अधिक की...

खपररैलनुमा कक्ष होंगे पक्के, शिक्षा के साथ संरचना में भी सुधार की पहल संवेदक ने किया स्थल का मुआयना, निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की संभावना संरचनात्मक बदलाव में शिक्षा मंत्री , डीएम और डीईओ की भूमिका अहम फ़ोटो :22 बेहतर संरचना की ओर अग्रसर सारण एकेडमी। युवा लीड छपरा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिले के प्रमुख विद्यालयों में शुमार सारण एकेडमी का स्वरूप अब पूरी तरह बदलने वाला है। बिहार राज्य शैक्षिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के सहयोग से यहां जी प्लस टू (भूतल सहित दो मंजिला) भवन का निर्माण प्रस्तावित है, जिसमें कुल 18 कमरे होंगे। इस भवन के निर्माण पर 2.25 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी।
टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, संवेदक ने स्थल का मुआयना कर लिया है और निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की संभावना है। शिलान्यास कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के शामिल होने की उम्मीद है। इस संरचनात्मक बदलाव में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, डीएम अमन समीर और डीईओ विद्यानंद ठाकुर की भूमिका उल्लेखनीय है।विद्यालय भवन के और विस्तार को लेकर जिला प्रशासन द्वारा स्थल की मापी कार्रवाई गई है। डीएम के निर्देश पर बुडको को चार नए कमरों के निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। 12 कर्कट की छत वाले और 6 पक्के कमरों में पढ़ते हैं 678 छात्र सारण एकेडमी बेहतर शैक्षणिक माहौल और आधारभूत संरचना में बदलाव की दिशा में तेजी से अग्रसर है। वर्ष 1880 में स्थापित यह विद्यालय आज 678 छात्रों की शैक्षणिक जिम्मेदारी निभा रहा है। वर्तमान में यहां कुल 18 कमरे हैं-12 करकट की छत वाले और 6 पक्के कमरे, जो प्लस टू भवन के अंतर्गत आते हैं।शिक्षकों की संख्या आवश्यकता से कम है। जहां 15 शिक्षकों की जरूरत है, वहां फिलहाल केवल 10 शिक्षक कार्यरत हैं। इसके बावजूद शैक्षणिक गतिविधियां नियमित रूप से संचालित हो रही हैं, जो शिक्षकों की प्रतिबद्धता और विद्यालय प्रशासन की सक्रियता का प्रमाण है।विद्यालय के सभी वर्ग कक्षों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके है। शैक्षणिक व्यवस्थाएं और विषय चयन विद्यालय में मैट्रिक स्तर पर सभी विषयों की पढ़ाई होती है, जबकि इंटरमीडिएट में कला और विज्ञान संकाय उपलब्ध हैं। वाणिज्य संकाय अब तक शुरू नहीं हो सका है, लेकिन इसकी मांग लगातार बनी हुई है। प्रयोगात्मक शिक्षण के लिए दो प्रयोगशालाएं मौजूद हैं। शिक्षक छात्रों को बेहतर प्रयोगात्मक अनुभव दिलाने के प्रयास में जुटे हैं।विद्यालय में इनडोर खेलों की सीमित सुविधा उपलब्ध है, लेकिन आउटडोर खेल मैदान नहीं है। उल्लेखनीय उपलब्धियां वर्ष 2024 में इंटरमीडिएट (कला संकाय) की छात्रा स्वेता कुमारी ने 450 अंक प्राप्त कर जिला स्तर पर छठा स्थान प्राप्त किया। इस सफलता के लिए प्रधानाध्यापक आमोद कुमार सिंह ने छात्रा को सम्मानित किया, जो अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।इसी वर्ष प्राचार्य श्री सिंह को शिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्रशस्ति पत्र से नवाजा गया। उनकी पहल पर विद्यालय में कई सकारात्मक परिवर्तन शुरू हुए हैं। निरंतर सुधार के प्रति प्रतिबद्ध:प्राचार्य विद्यालय के प्राचार्य आमोद कुमार सिंह ने कहा, हमारा प्रयास है कि बच्चों को एक बेहतर शिक्षण माहौल मिले। शिक्षक, संरचना और संसाधनों की जो भी कमियां हैं, उन्हें दूर करने के लिए हम लगातार प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं।"यह प्रयास डीएम अमन समीर के विशेष सहयोग से संभव हो पा रहा है। सारण एकेडमी आज न केवल शिक्षा बल्कि संरचनात्मक सुधार की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। यदि संसाधन समय पर उपलब्ध होते रहे, तो यह विद्यालय जल्द ही जिले के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराएगा।
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