राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी ..
फ़ोटो 13 सोनपुर मेला के मुख्य पंडाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करती प्रसिद्ध लोक गायिका स्वाति मिश्रा करते लोक कलाकार अमरजीत पेज चार सोनपुर मेला छपरा, नगर प्रतिनिधि। सोनपुर मेला में सांस्कृतिक...
सोनपुर मेला छपरा, नगर प्रतिनिधि। सोनपुर मेला में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम मची हुई है। देश के प्रसिद्ध कलाकार अपनी बेहतर प्रस्तुति से लोगों को मुग्ध कर रहे हैं। मुख्य पंडाल में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद उठाने के लिए लोग ठंड के बावजूद देर रात तक जमे रह रहे हैं। छपरा की प्रसिद्ध लोक गायिका स्वाति मिश्रा ने राम आयेंगे -आयेंगे, राम आयेंगे से अपने कार्यक्रम की शुरुआत की। स्वाति का मशहूर भजन ‘राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी का इंतजार सभी श्रद्धालुओं को बड़ी बेसब्री से था, जिसे सुन कर स्वाति ने पूरे माहौल को राममय कर दिया। इसके बाद उन्होंने तुम उठो सिया श्रृंगार करो धनुष राम ने तोड़ा है… , श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ,मंगल भवन अ मंगल हारी सहित अन्य भजन गायी,जिसे लोगों ने काफी सराहा । बिहारी माटी की खुशबू वाले पारंपरिक लोक गीतों की प्रस्तुति कर उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया। कभी राम बनके कभी श्याम बनके, तेरी मंद मंद मुस्कनिया पर, रामा-रामा रटते-रटते सहित तमाम भक्ति गीत सुनायी। हरि के बिना जिंदगी बेकार बा छपरा के लोक गायक अमरजीत लाल ने भी अपनी बेहतर प्रस्तुति से लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। अमरजीत ने हरि के बिना जिंदगी बेकार बा की आकर्षक प्रस्तुति की तो लोग कुछ समय के लिए भाव विभोर हो गए। अमरजीत ने कहा कि सोनपुर मेला में गाने पर जो अनुभूति होती है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। इस मेल में श्रोताओं का भी भरपूर साथ मिलता है। वहीं श्रोताओं ने कहा कि लोक गायक की प्रतिभा को आने वाले दिन में काफी ऊंचाई मिलेगी। -- श्रीराम और कृष्ण कथा आधारित कत्थक नृत्य से लोग हुए मन्त्रमुग्ध प्रतिष्ठ कत्थक कलाकार डॉ रमा दास की प्रस्तुति के कायल हुए लोग राम और कृष्ण पर अनेक साहित्यकारों की एक से एक रचनाएँ प्रस्तुत की और उनकी छवियों को हस्तक-मुद्राओं से उकेरा फोटो- पेज चार की बॉटम छपरा, नगर प्रतिनिधि। कला ,संस्कृति एवं युवा विभाग के तत्वावधान में आयोजित ऐतिहासिक हरिहर क्षेत्र महोत्सव में लब्ध प्रतिष्ठ कत्थक कलाकार, डॉ रमा दास ने श्रीराम और कृष्ण कथा पर आधारित कत्थक नृत्य से दर्शकों को मन्त्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने राम और कृष्ण पर अनेक साहित्यकारों की एक से एक रचनाएं प्रस्तुत की और उनकी छवियों को हस्तक-मुद्राओं से उकेरा।रमा दास ने अपने नृत्य का आरंभ गणेश वंदना, 'हे गजवदना, वक्रतुण्ड महाकाय' से किया जिसे उन्होने अपनी शिष्याओं संग प्रस्तुत किया। इसके बाद श्रीराम और कृष्ण पर आधारित रचनाएं, 'सखी मेरो मार्ग रोक्यो कान्हा' प्रस्तुत किया। इसके बाद कत्थक का एक सुदर अंग, तराना प्रस्तुत किया और कार्यक्रम का समापन श्री राम पर आधारित एक रचना, 'कष्टहरण तेरी नाम राम हो कमलनयन वाले राम ' से की। इस रचना में सुंदर मुद्राओं और भाव भंगिमाओं के साथ साथ-साथ जो अभिनय किया उन्होंने, दर्शकों को भाव विभोर कर गया। श्री राम के व्यक्तित्व के अनेक पक्षों को दिखाती उनकी कई छवियां प्रस्तुत की। हर छवि की अलग मुद्रा और अलग भाव भंगिमा थी जो दर्शको को बहुत देर तक मन्त्रमुग्ध किए रहीं। रमा दास के साथ उनकी शिष्याएं, रिमझिम कुमारी, सांची सेजल, रिया और राजलक्ष्मी भी थी। रमा दास ने कहा कि हरिहर क्षेत्र महोत्सव में मेरा यह पहला कार्यक्रम है। यह एक ऐतिहासिक भूमि है और इस आध्यात्मिक नगरी में आकर मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। आशा है यहां मुझे सभी का स्नेह मिलेगा। उन्होंने कहा कि वे वर्षो से गज-ग्राह से जुड़ी कथा अपने कत्थक नृत्य के माध्यम से करती आ रही हैं। मीराबाई की रचना ' हरि तुम हरो जन की पीर...डूबतो गजराज राख्यो, कियो बाहर नीर' उनके कत्थक प्रस्तुतिकरण का मुख्य हिस्सा रहा है और आज उसी भूमि पर कार्यक्रम करना सौभाग्य की बात है।कार्यक्रम के दौरान सभागार में दर्शकों की बड़ी संख्या में मौजूदगी रही। इस दौरान कला संस्कृति व युवा विभाग, पर्यटन विभाग और अन्य कई विभागों के अधिकारी वहां मौजूद रहे। साथ लगाएं कत्थक की प्रस्तुति के लिए ग्रीस जायेंगे गुरु विकास फोटो- 12- कत्थक नृत्य प्रस्तुत करते गुरु विकास छपरा, नगर प्रतिनिधि। सारण के नृत्य शिक्षक सह चर्चित कथक गुरु बक्शी विकास के कथक का प्रदर्शन ग्रीस में होगा । गुरु विकास की प्रस्तुति थर्ड वर्ल्ड फेस्टिवल ऑफ इंडियन डांस में पहली बार होगी । इसके पूर्व इन्होंने कनाडा व बाग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर कत्थक प्रस्तुत किया है । कत्थक के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति रखने वाले विकास के नाम चार भाषाओं में 500 महिलाओ की गंगा आरती वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हैं । इन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे अब्दुल कलाम व राष्ट्रपति डॉ. प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के समक्ष कत्थक प्रदर्शन भी किया है । स्वर्ण पदक, कथक चक्र चूड़ामणि, नृत्य विभूषण, कला रत्न, नृत्यमणि जैसे सम्मान से अलंकृत विकास नृत्य सम्राट पद्माविभूषण पंडित बिरजू महाराज व विदुषी साश्वती सेन के शिष्य हैं। ग्रीस में विकास पारंपरिक कथक के साथ भिखारी ठाकुर की विदेशिया का शास्त्रीय रूपांतरण प्रस्तुत करेंगे । कथक नृत्य के क्षेत्र में इनके कई शिष्य बीपीएससी अध्यापक हैं । कथक में सैकड़ों बंदिशों की रचना, अखिल भारतीय संगीत सम्मेलन का आयोजन व संचालन, देश के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में सागीतिक आलेख का लेखन, दूरदर्शन के नृत्य नाटिकाओं का संगीत एवं नृत्य निर्देशन, गरीब छात्र-छात्राओं को संगीत नृत्य का रोजगारपरक मुफ्त प्रशिक्षण इनके महत्वपूर्ण कार्यों में शुमार है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।