हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेले में उमड़ी दर्शकों की भीड़
पेज चार की लीड र कार्यक्रम प्रस्तुत करते कलाकार 6 - सोनपुर मेले में घूमने आए विदेशी मेहमान सोनपुर। संवाद सूत्र एशिया प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले में मेलार्थियों की भीड़ बढ़ती जा रही है। बीते 13...
सोनपुर। संवाद सूत्र एशिया प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले में मेलार्थियों की भीड़ बढ़ती जा रही है। बीते 13 नवंबर को 32 दिनों तक चलने वाले इस मेले का विधिवत उद्घाटन के बाद पहला रविवार छुटटी का दिन होने के कारण मेले में दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी। मेला पहुंचने वाला शायद ही कोई ऐसा मार्ग था जिस पर लोगों की भीड़ न थी। हरिहर नाथ मंदिर से ड्रोलिया चौक तक काफी भीड़ थी। लोगों ने जमकर मेले का लुफ्त उठाया और खरीददारी की। शनिवार को भी केन्द्रीय कार्यालयों में छुट्टी रहने के कारण मेले में दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी थी और मेला गुलजार हो उठा था। छोटे- छोटे दुकानदार से लेकर बड़े व्यवसायियों तक ग्राहकों को संभालने में व्यस्त दिखे। इस क्रम में खेल-तमाशे, झूले वाले तथा खुले मैदान में जादू दिखाने वाले जमूरों ने भी अच्छी कमाई की। कृषि प्रदर्शनी, ग्रामश्री मंडप, श्रम संसाधन विभाग की प्रदर्शनी, आर्ट एंड क्राफ्ट बाजार के स्टालों एवं प्रदर्शनियों में भी दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी। पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण कई विभागों की प्रदर्शनी व स्टाल अभी तक चालू नहीं हो सका है। उनका निर्माण कार्य चल ही रहा है। कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए आए लाखों तीर्थ यात्री इन प्रदर्शनियों का अवलोकन किए बिना ही मेले से लौट गए। आवश्यकता की वस्तुओं की खरीददारी मेला घूमने के दौरान मेलार्थियों ने आवश्यकता की वस्तुओं की खरीददारी भी की। बहराइच, पटना, हाजीपुर, सीवान आदि जिले के विभिन्न हिस्सों से आए पापड़ी, खजूर आदि की दुकानों पर भी ग्राहकों की भीड़ दिखी। पर्यटन विभाग के मुख्य पंडाल स्थित सांस्कृतिक मंच से सूचना एवं जन संपर्क विभाग और कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के कलाकारों द्वरा एक से बढ़कर एक गीत- संगीत की आकर्षक प्रस्तुतियों का भी दर्शकों ने भरपुर आनंद उठाया। भीड़ के कारण पुराने और नये गंडक पुल के अलावा मेला क्षेत्र में कई जगहों पर बार- बार जाम की स्थिति उत्पन्न होती रही। भीड़ को ध्यान में रखते हुए पुराने गंडक पुल पर सभी वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई है। सोनपुर और हाजीपुर के बीच सभी तरह के वाहनों का परिचालन नए गंडक पुल से हो रहा है। सोनपुर मेले में इस वर्ष भी नहीं पहुंचे गजराज, सैलानी मायूस वर्ष 2019 में मेले में आए गजराज का बाजे- गाजे के साथ हुआ था स्वागत सोनपुर। संवाद सूत्र कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सरकारी स्तर पर लगने वाला एशिया प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले की शुरुआत हो गयी है। मेला शुरू होने के चार दिन बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों की इच्छा शक्ति की कमी के कारण इस वर्ष भी अभी तक एक भी गजराज का मेले में आगमन नहीं होने से मेले में आए देसी- विदेसी सेलानियों और मेलार्थियों में मायूसी है। कोविड काल के पूर्व वर्ष 2019 में प्रशासन और पशु प्रेमियों के प्रयास से सोनपुर मेले में नौ गजराज पहुंचे थे। उनका बैंड बाजे- गाजे के साथ भव्य स्वागत किया गया था। उन्हें फूल- माला पहना कर उनकी आरती उतारी गई थी और मेला ग्राउंड में उन्हें घुमाया गया था। मालूम हो कि पशु मेले के रूप में प्रसिद्ध इस हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेले में बहुत पहले से बड़े तदाद में बैल, गाय, भैंस, बकरी, कुता, रंग- बिरंगी चिड़ियों के अलावा घोड़ा, हाथी, का आगमन होता रहा है। हाथी देसी- विदेशी सैलानियों के आकर्षण का खास केन्द्र हुआ करता है। पर पशु क्रूरता अधिनियम लागू होने के बाद से मेले में हाथी के आगमन और खरीद - बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया। हाथी के अलावा पंजाब और हरियाणा से दुधारू पशुओं का आवक भी बंद हो गया। पशु दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन भी बंद हो गया। वर्ष 2018 में भी एक भी हाथी मेले में नहीं आ सका था।
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