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गर्मी का चढ़ा पारा, हांफने व फुंकने लगे ट्रांसफॉर्मर

भीषण गर्मी के बीच बिजली की आपूर्ति व्यवस्था बेपटरी ढ़ने से हो रही बिजली कटौती ग्रामीण इलाकों में अधिक है संकट फोटो 38- छपरा पावर बिजली ग्रिड में स्थापित उच्च शक्ति का ट्रांसफार्मर पेज पांच की लीड...

Newswrap हिन्दुस्तान, छपराMon, 12 May 2025 09:57 PM
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गर्मी का चढ़ा पारा, हांफने व फुंकने लगे ट्रांसफॉर्मर

छपरा, नगर प्रतिनिधि। भीषण गर्मी के बीच सारण में बिजली की कटौती से लोग परेशान हैं। लोड बढ़ने से कई इलाकों में ट्रांसफार्मर जल गये हैं। फ्यूज कॉल उड़ने की घटना कई गुना बढ़ गई है, जिससे बड़े इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है। जिला मुख्यालय सहित जिले के सभी प्रखंडों में बिजली की ट्रिपिंग (आंख मिचौनी) हो रही है। इससे लोगों को गर्मी में ही रात काटनी पड़ रही है। छपरा शहर के मोहल्लों में लोडशेडिंग के कारण बिजली की खूब आवाजाही हो रही है। जिला मुख्यालय से सटे कई ग्रामीण इलाकों में बमुश्किल 10-15 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है।

प्रभुनाथ नगर, भगवान बाजार इलाके में भी बिजली की आंख-मिचौनी जारी है। बिजली कटौती से ग्रामीण इलाके के लोगों की परेशानी बढ़ गयी है। कंपनी के अनुसार शहरी इलाके में 23 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है तो ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है। सारण में करीब 40 मेगावाट बिजली कम मिल रही है। इस कारण देहाती क्षेत्रों में बिजली की सप्लाई बाधित है। फीडरों को भी बारी- बारी से चलाना पड़ रहा है। पिछले एक सप्ताह से 120 मेगावाट के बदले मात्र 170 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो रही है। 50 मेगावाट बिजली कम मिल रही है। ट्रांसफार्मर ओवरहीट होकर फुंक रहे बेतहाशा गर्मी और दिन में एसी-कूलर चलने के कारण बिजली का उपभोग बढ़ा है। लोड बढ़ने और तकनीकी खामियां होने के कारण ट्रांसफार्मर ओवरहीट होकर फुंक रहा है। इससे घंटों के लिए बिजली गुल हो रही है और लोग गर्मी से बेहाल हैं। वहीं वर्कशाप में भी लोड बढ़ा है। वहीं जिन क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर फुंक रहे हैं, वहां बिजली गुल हो रही है। कुछ जगहों पर तो फोन करने के बाद भी कई दिन बीत जाने पर ट्रांसफार्मर नहीं बदले जा रहे हैं। इससे कुटीर उद्योग पर असर पड़ रहा है। बिजली कटौती और ट्रांसफार्मर फुंकने पर सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही है। कनेक्शन और लाइन लास बढ़ने से बढ़ रहा लोड बिजली कम्पनी से जुड़ें इंजीनियरों ने बताया कि 132-132 केवी सब स्टेशनों से बिजली की आपूर्ति होती है। इनसे बिजली 33 केवी सब स्टेशनों और फिर 11 केवी फीडरों के माध्यम से बिजली घरेलू व वाणिज्यिक उपभोक्ताओं तक पहुंचाई जाती है। स्थिति यह है कि ट्रांसफार्मर व लाइनें काफी पुरानी हो चुकी हैं। कनेक्शन और लाइन लास बढ़ने से लोड लगातार बढ़ रहा है। कंपनी अभी तक सभी लाइनों को नहीं बदल पाया है और न ही ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई जा सकी है। यही वजह है कि आए दिन ट्रांसफार्मर फुंकने और तार टूटने के कारण उपभोक्ताओं को पूरी बिजली नहीं मिल रही है। बिजली कम्पनी के दावों की पोल भी खुलनी शुरू भीषण गर्मी के दस्तक देते ही बिजली कम्पनी के दावों की पोल भी खुलनी शुरू हो गई है। प्रत्येक वर्ष यह दावा किया जाता है कि लोगों को जीरो पावर कट के साथ निर्बाध बिजली की आपूर्ति 24 घंटे की जाएगी। राज्य सरकार सरप्लस बिजली उत्पादन और सप्लाई का भी दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही दिखाती नजर आ रही है। जैसे-जैसे गर्मी का पारा बढ़ रहा है, पावर कट की समस्या शुरू हो रही है। दिन हो या रात बिजली कट होने लगता है। इससे एक ओर जहां आम लोगों का घरेलू कामकाज बाधित होता है, वहीं व्यापार भी प्रभावित होता है। इनसेट शाम व रात में बिजली गुल, पढाई व नींद प्रभावित गर्मी के साथ ही शहर में बिजली की किल्लत बढ़ रही है। शाम और रात के समय अक्सर बिजली गुल हो जाने से स्कूली बच्चों की पढ़ाई के साथ ही उनकी नींद भी प्रभावित हो रही है। रात में नींद पूरी नहीं हो पाती और सुबह जल्दी उठकर स्कूल जाने के लिए तैयार होना पड़ता है। इससे बच्चों में चिड़चिड़ापन आने लगता है। अक्सर शाम ढलते ही ट्रिपिग होने लगती है। आपूर्ति के दौरान अचानक वोल्टेज इतने कम हो जाते हैं कि पंखे और कूलर नहीं चलते। ऐसे में उपभोक्ता विभाग की बदइंतजामी को कोसते नजर आते हैं। शहर के भगवान बाजार के मोहिनी बताती है कि जब जब शाम में पढ़ने बैठते हैं तो लाइट ही चली जाती है। कई बार तो जल्दी आ जाती है, लेकिन अक्सर घंटों बिजली नहीं आती है। ऐसे में हमारी पढ़ाई का नुकसान होता है। हम 9वीं कक्षा में पहुंच गए हैं, ऐसे में अगर लाइट की यही स्थिति रही तो तैयारी अच्छी नहीं होगी, तो भला कैसे आगे की परीक्षा पास करेंगे? मोहिनी की तरह उसकी अन्य सहेलियां नंदनी और प्रीति भी उसकी बातों का समर्थन करते हुए कहती है कि बिजली व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। -------

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