जिले में बुखार, सर्दी-खांसी व कोल्ड डायरिया के मरीज बढ़े
मरीजों की संख्या 35 प्रतिशत अस्पतालों में बढ़ी अस्पताल के ओपीडी में प्रतिदिन 700 सौ के आसपास मरीज पहुंच रहे हैं इलाज कराने फोटो 1- छपरा सदर अस्पताल के ओपीडी में बच्चों का इलाज करती महिला शिशु रोग...
छपरा, हमारे संवाददाता। ठंड का मौसम शुरू होते ही बीमार लोगों की संख्या जिले के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में इन दोनों देखी जा रही है। वायरल बुखार, सर्दी, खांसी, कोल्ड डायरिया के साथ ही बच्चों में निमोनिया का भी मामला जिले के सदर अस्पताल से लेकर रेफरल अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व निजी अस्पतालों पर आ रहा है। वायरल बुखार ,डायरिया के मरीजों की संख्या सरकारी अस्पतालों में 35 प्रतिशत बढ़ गयी है। सोमवार को छपरा सदर अस्पताल के ओपीडी के रजिस्ट्रेशन काउंटर से लेकर दवा काउंटर ,मेडिसिन विभाग में मरीजों की लंबी कतार देखने को मिली। छपरा सदर अस्पताल के मेडिसिन विभाग के ओपीडी सोमवार को करीब 350 मरीज इलाज करने के लिए आ रहे हैं। इनमें 35 प्रतिशत मरीज वायरल फीवर कोल्ड डायरिया सर्दी खांसी बुखार के आ रहे हैं। शिशु विभाग के ओपीडी के शिशु रोग विशेषज्ञ इशिका सिन्हा बताती हैं कि सर्दी, खांसी, बुखार के अलावा निमोनिया से पीड़ित बच्चे ओपीडी में पहुंच रहे हैं। अपने भाई का इलाज कराने प्रभुनाथ नगर से पहुंचे सरोज बताते हैं कि इलाज करने में एक घंटा से अधिक समय लग गया। खैरा के रहने वाली प्रवीण खातून बताती हैं कि पहले इलाज करने में परेशानी नहीं होती थी। अब ज्यादा वक्त लग रहा है। सदर अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ कृष्ण मोहन दूबे ने कहा कि मरीज को अपने मन से बाजार से कोई भी दवा खरीद कर नहीं खानी चाहिए। डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी होता है। वायरल फीवर के मरीजों की संख्या इन दोनों थोड़ी बढ़ गई है। मौसम के मिजाज में बदलाव आया है। एंटीबायोटिक का भी प्रयोग बिना जांच कराई नहीं करना चाहिए। एक सप्ताह तक वायरल फीवर का प्रकोप रहता है। बाजार के खाना से परहेज करने की जरूरत है। पानी को गर्म करके पीना चाहिए और आराम करने की जरूरत होती है। जब भी छींक महसूस हो तो नाक पर रूमाल रखकर ही छींकें। छपरा सदर अस्पताल के ओपीडी के मरीजों का चार दिन का आंकड़ा 18 दिसंबर 630 19 दिसंबर 690 20 दिसंबर 697 21 दिसंबर 703 22 दिसंबर 710 वायरल बुखार के लक्षण नाक से पानी निकालना, खांसी, मतली, शरीर में थकान, पूरे बदन में दर्द वायरल फीवर में होता है। कोट सदर अस्पताल में मरीज के जरूरत की सभी दवाएं उपलब्ध हैं। सर्दी-बुखार बच्चों के एंटीबायोटिक व अन्य सभी जीवन रक्षक दवा काउंटर पर उपलब्ध है। रोजाना इसकी मॉनीटरिंग की जा रही है। डॉ आर एन तिवारी उपाधीक्षक, सदर अस्पताल छपरा साथ लगायें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की राज्यस्तरीय टीम ने की जांच 9- दरियापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जांच कर्मियों से पूछताछ करती स्वास्थ्य विभाग की राज्यस्तरीय टीम दरियापुर। स्वास्थ्य विभाग की राज्यस्तरीय टीम ने सोमवार को कायाकल्प योजना के तहत स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जांच की। राज्य स्वास्थ्य समिति के डॉ अनुपम सिंह व डॉ उत्तम कुमार के नेतृत्व में टीम ने स्वच्छता, संक्रमण नियंत्रण, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, और मरीजों को मिल रह सुविधाओं का गहन मूल्यांकन किया। टीम ने साफ सफाई पर विशेष रूप से सुधार का सुझाव दिया।डॉ अनुपम सिंह ने बताया कि कायाकल्प योजना का उद्देश्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में स्वच्छता व संक्रमण नियंत्रण संबंधी मानकों को मजबूती से लागू करना है, जिससे मरीजों को सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सेवाएं मिल सकें। टीम ने अस्पताल में मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं के अलावा, अस्पताल के साफ-सफाई इंतजाम, दवाइयों की उपलब्धता, चिकित्सकीय उपकरणों के रख-रखाव, और चिकित्सा कर्मियों के व्यवहार का भी मूल्यांकन किया। साथ ही, अस्पताल में दिए जा रहे अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं जैसे टीकाकरण, प्रसव कक्ष, एएनसी रूम, ओपीडी, और जांच घर की गहनता से जांच की गई। कुछ मामले में इस अस्पताल बेहतर सुविधाएं प्रदान कर रहा है। डॉ अनुपम सिंह ने बताया कि अस्पतालों के एसेसमेंट के बाद उनकी ग्रेडिंग की जाएगी। इसमें जो अस्पताल अव्वल निकला, उसे प्रथम पुरस्कार के रूप में 15 लाख रुपए दिए जाएंगे।
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