पंचायत उपचुनाव : 84 रिक्त पदों पर प्रतिनिधियों के चुनाव की तैयारी
सारण जिले में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के 84 रिक्त पदों पर उप चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। संबंधित बीडीओ मतदाता सूची का विखंडन कर रहे हैं, ताकि मतदाता अपने नाम जोड़ने या त्रुटियों को सुधारने...

निर्वाचन क्षेत्र के अनुसार मतदाता सूची का विखंडन किया गया संबंधित बीडीओ के पास मतदाता कर सकते हैं दावा- आपत्ति जिन स्थानों पर साप्ताहिक हाट बाजार लगते हैं वहां ढोल पीटकर होगा व्यापक प्रचार- प्रसार न्यूमेरिक 56 पंच के रिक्त पदों को चुनाव के जरिए भरा जायेगा 25 वार्ड सदस्यों के लिए होगा चुनाव पेज चार की लीड छपरा, नगर प्रतिनिधि। सारण जिले में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के रिक्त पदों पर उप चुनाव की तैयारी जिला प्रशासन की ओर से शुरू कर दी गई है। जिले में पंच, वार्ड सदस्य ,मुखिया और सरपंच समेत 84 रिक्त पदों पर उपचुनाव होना है। जिले में पंचायत चुनाव के बाद विभिन्न कारणों से पंच के 56, मुखिया के एक, वार्ड सदस्य के 25 और सरपंच के दो पद खाली पड़े हैं। उप चुनाव की तैयारी के मद्देनजर खाली पड़े पदों के निर्वाचन क्षेत्र के अनुसार मतदाता सूची के विखंडन का कार्य बीडीओ की ओर से पूरा कर लिया गया है। साथ ही इसका प्रकाशन प्रखंड मुख्यालय और संबंधित ग्राम पंचायतों के सूचना पट्ट पर कर दिया गया है। सूचना प्रकाशन के 14 दिनों के भीतर मतदाता संबंधित बीडीओ के पास सूची में अपना नाम जोड़ने, सुधार और त्रुटि को सुधारने के लिए दावा-आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। दावा आपत्ति के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कराने का आदेश जिला निर्वाची पदाधिकारी सह डीएम अमन समीर की ओर से सभी बीडीओ को दिया गया है। संबंधित बीडीओ को आदेश दिया गया है कि जिन स्थानों पर साप्ताहिक हाट बाजार लगते हों, वहां ढोल पीटकर व्यापक प्रचार- प्रसार कराएं। त्रिस्तरीय पंचायती राज के प्रतिनिधियों में दिघवारा के झौवां पंचायत में मुखिया के निधन के कारण उपचुनाव हो रहा है। मृत्यु के कारण पद रिक्त है। साथ ही सरपंच के एक-एक पद तरैया के भटगाई और मढ़ौरा के भावलपुर में रिक्त है। छह माह के अंदर उप चुनाव करवाने का है नियम पंचायती राज व्यवस्था के तहत आम चुनाव के छह माह के अंदर सीट रिक्त होने पर उपचुनाव करवाने का प्रावधान है, लेकिन कई कारणों से उपचुनाव के निर्वाचन में विलंब हुआ था। इसे अब अविलंब कराने की तैयारी चल रही है। चुनाव आयोग ने पंचायती राज प्रावधान के तहत उप चुनाव कराने के लिए कवायद भी तेज कर दी है। आयोग जल्द ही उप चुनाव की तिथि की भी घोषणा कर सकता है। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव ने जिला पदाधिकारी को रिक्त पदों पर निर्वाचन कराए जाने के लिये मतदाता सूची की तैयारी करने के निर्देश भी पूर्व में दिए थे। मतदाताओं को लुभाने में जुटे प्रत्याशी रिक्त पदों पर जहां भी चुनाव होने वाले हैं वहां अभी से ही भावी प्रत्याशी मतदाताओं को तरह तरह से लुभाने में भी जुट गए हैं। कई प्रखंडों में अभी से ही मतदाताओं को अपने पक्ष में गोलबंद करने के लिए प्रत्याशी व उनके समर्थक जुट गए हैं। बाहर से गांव आये लोगों से भी चुनाव में मदद करने की गुहार लगा रहे हैं। शादी-विवाह के सीजन में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए अपने स्तर से कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। साथ लगाएं बीएलओ को चुनाव प्रबंधन के गुर बताये गये बीएलओ को उनके जिम्मेदारी व दायित्व से कराया गया अवगत नई दिल्ली में दो दिवसीय प्रशिक्षण में भाग लेंगे बीएलओ फ़ोटो 10 जिला निर्वाचन शाखा में शुक्रवार को बीएलओ को प्रशिक्षण देते उप निर्वाचन पदाधिकारी जावेद इकबाल छपरा , नगर प्रतिनिधि। विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव प्रबंधन का गुर सीखने दिल्ली जाने वाले सारण के सभी 10 और बीएलओ को शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित जिला निर्वाचन शाखा के कार्यालय में भी प्रशिक्षण दिया गया। 30 अप्रैल व एक मई को सारण के बीएलओ दो दिवसीय ट्रेनिंग में भाग लेंगे।उप निर्वाचन पदाधिकारी जावेद इकबाल ने नई दिल्ली में बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) के प्रशिक्षण कार्यक्रम पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आगामी कुछ वर्षों में ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों में औसतन 10 मतदान केंद्रों पर एक बीएलओ के आधार पर देश स्तर के एक लाख से अधिक बूथ स्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि चुनावी प्रक्रिया में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने और चुनावी कदाचार को कम करने के लिए, मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया और मतदाता सूचियों की गुणवत्ता में सुधार करना आवश्यक है। बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) एक स्थानीय अधिकारी होता है, जो स्थानीय मतदाताओं से परिचित होता है। जो अपने स्थानीय ज्ञान का उपयोग करके रोल को अपडेट करने में सहायता करता है। वास्तव में, बीएलओ जमीनी स्तर पर भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) का एक प्रतिनिधि होता है, जो रोल संशोधन की प्रक्रिया में और उसे सौंपे गए मतदान क्षेत्र के अनुरूप रोल के संबंध में वास्तविक क्षेत्र की जानकारी एकत्र करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नई दिल्ली में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में उप निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार की पहल पर कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। ट्रेनिंग में इस इस बात पर बल दिया गया कि संविधान के अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 20 के अनुसार, केवल सामान्य रूप से निर्वाचन क्षेत्र में निवास करनेवाले 18 वर्ष से अधिक आयु के भारत के नागरिकों को मतदाता के रूप में पंजीकृत किया जा सकता है। उन्होंने सभी बीएलओ को मतदाता सूची को सही तरीके से अद्यतन करने सहित अपने अधिकार क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए दिए गए निर्देशों का उल्लेख किया। प्रशिक्षण के दौरान यह भी बताया गया कि सभी बीएलओ को मतदाता सूची अद्यतन करने के लिए घर-घर जाकर सत्यापन के दौरान मतदाताओं के साथ बातचीत में विनम्र होना चाहिए। आयोग लगभग 100 करोड़ मतदाताओं के साथ खड़ा था और हमेशा खड़ा रहेगा। प्रशिक्षण के दौरान यह भी कहा कि यह अनूठा क्षमता निर्माण कार्यक्रम कई चरणों में चलेगा। इस प्रशिक्षण की योजना इस तरह से बनायी गयी है ताकि बूथ स्तर के अधिकारियों को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, मतदाता पंजीकरण नियम 1960 और समय-समय पर जारी आयोग के निर्देशों के अनुसार उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों से परिचित कराया जाय। वे मतदाता सूचियों के त्रुटि रहित रूप से अद्यतन करने के लिए प्रासंगिक फॉर्म भरने की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हों। साथ ही उन्हें इस काम में सहायता के लिए डिज़ाइन किए गए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) संबंधी अनुप्रयोगों से परिचित कराया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीएलओ राजू कुमार राम, मनीष कुमार सिंह, राजू कुमार प्रसाद मिथिलेश यादव, हसन अंसारी, काशीनाथ राय, संजय कुमार राम, मोहम्मद गुलजार अंसारी, संतोष कुमार शर्मा व रवि रंजन कुमार शामिल थे।
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